लंदन: भारत और पाकिस्तान क्रिकेट के मैदान पर दस साल बाद रविवार को किसी आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में आमने-सामने होंगे. मौका होगा चैम्पियंस ट्रॉ़फी का फाइनल जहां दोनों की साख दांव पर है और जीत से कम दोनों को कुछ मंजूर नहीं. 



 



इससे पहले यह दोनों पड़ोसी मुल्क टी-20 विश्व कप के पहले संस्करण में 2007 के फाइनल में भिड़े थे, जिसे महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी भारत ने जीता था. यह पहला मौका था जब भारत-पाकिस्तान के बीच आईसीसी टूर्नामेंट का फाइनल खेला गया था.



 



धौनी के नेतृत्व वाली टीम युवा थी लेकिन विराट कोहली की कप्तानी वाली यह टीम अनुभवी है. उस ऐतिहासिक जीत का हिस्सा रहे रोहित शर्मा, धोनी, युवराज इस टीम के अगुआ हैं. 



 



आईसीसी टूर्नामेंट्स में भारत पाकिस्तान पर हमेशा से हावी रहा है. 12 मैच भारत ने जीते हैं और दो सिर्फ पाकिस्तान ने. एक मैच परिणाम विहीन रहा है. बेशक आंकड़े भारत के पक्ष में रहे हैं लेकिन कोहली की सेना सरफराज अहमद की युवा पाकिस्तानी टीम को कतई हल्के में नहीं लेगी. 



 



आखिरी इस टीम ने पहले मैच में भारत से ही हार खाने के बाद दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही इंग्लैंड को मात देकर पहली बार चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में जगह बनाई है.



 



वहीं पहले मैच में मिली हार से आहत पाकिस्तान भारत को जवाब देने को उतारु है. अहम मैच से पहले उसे एक अच्छी खबर मिली है. उसके चोटिल गेंदबाज मोहम्मद आमिर फिट होकर भारत के खिलाफ खेलने को तैयार हैं. आमिर के अलावा जुनैद खान उसकी गेंदबाजी में अमह रोल अदा करेंगे. 



 



हालांकि पाकिस्तान के लिए भारत के मजबूत बल्लेबाजी क्रम का सामना करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होगा. 



 



मौजूदा विजेता का शीर्ष क्रम इस टूर्नामेंट में हर मैच में रन उगल रहा है. रोहित शर्मा और शिखर धवन की जोड़ी चैम्पियंस ट्रॉफी की विशेषज्ञ जोड़ी का दर्जा पा चुकी है. पिछले सीजन में भी इस जोड़ी ने भारत को खिताब दिलाने में अहम रोल अदा किया था.



 



इन दोनों के अलावा कप्तान विराट आकर सिर्फ रन करना जानते हैं. युवराज ने पाकिस्तान के खिलाफ ग्रुप दौर के मैच में अर्धशतक जड़ा था तो वहीं निचले क्रम में केदार जाधव, धोनी और हार्दिक पांड्या की तेजी से रन बटोरने तथा मुश्किल परिस्थति में से मैच निकालने की खूबी से टीम को गहराई मिलती है. 



 



स्पिन क्षेत्र में पाकिस्तान के पास इमाद वसीम और मोहम्मद हफीज के रूप में दो विकल्प हैं. सेमीफाइनल मैच से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने वाले तेज गेंदबाद रुमान रइस भारत के लिए कुछ सरदर्दी इसलिए खड़ी कर सकते हैं क्योंकि मौजूदा विजेता पहली बार उनकी गेंदों की रफ्तार नापेगी. 



 



वहीं भारतीय टीम की गेंदबाजी भी इस टूर्नामेंट में संतुलित रही है. भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह शुरुआती ओवरों में सफलात दिलाने के साथ ही अंत के ओवरों में विपक्षी टीम को रनों के लिए तरसा देते हैं.  पांड्या बांग्लादेश के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में थोड़े महंगे साबित रहे थे. कोहली इस मैच में उनसे विकेटों की उम्मीद करेंगे.



 



विश्व में इस समय के दो दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा मध्य के ओवरों में पाकिस्तानी बल्लेबाजी के लिए नासूर बन सकते हैं. जीत के लिए उतावली पाकिस्तान के बल्लेबाजी क्रम में युवा बल्लेबाज फखर जमान ने अपने खेल से खासा प्रभावित किया है. फखर नए होने के कारण भारतीय गेंदबाजों के लिए चुनौती बन सकते हैं. 



 



टीम में अजहर अली, मोहम्मद हफीज और शोएब मलिक के रूप में उसके पास तीन अनुभवी बल्लेबाज हैं. 



 



टीमें (संभावित): 



 



भारत : विराट कोहली (कप्तान), शिखर धवन, रोहित शर्मा, युवराज सिंह, महेंद्र सिंह धोनी (विकेटकीपर), केदार जाधव, हार्दिक पांड्या, रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार, दिनेश कार्तिक, मोहम्मद शमी, अजिंक्य रहाणे, उमेश यादव. 



 



पाकिस्तान : सरफराज अहमद (कप्तान/विकेटकीपर), अहमद शाहजाद, अजहर अली, बाबर आजम, मोहम्मद हफीज, शोएब मलिक, हसन अली, मोहम्मद आमिर, रूमान रइस, जुनैद खान, इमाद वसीम, फहीम अशरफ, शादाब खान, फखर जमान, हारिश सोहैल.