हाल ही में भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने बीसीसीआई के सामने ये गुज़ारिश की थी कि खिलाड़ियों की पत्नी या गर्लफ्रेंड दौरे पर टीम के साथ रह सकें. विराट की इस गुहार पर बीसीसीआई ने मुहर लगाकर मंजूरी दे दी है.


टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति ने ये फैसला किया है कि खिलाड़ियों की पत्नियां या गर्लफ्रेंड्स दौरे के शुरुआती दस दिनों के बाद टीम के साथ जब तक चाहें तब तक रह सकती हैं.


इससे पहले खिलाड़ियों या स्पोर्ट स्टाफ की पत्नियां या गर्लफ्रेंड्स को सिर्फ शुरुआती दो हफ्तों के लिए टीम के साथ रहने की मंजूरी थी लेकिन अब इस फैसले में बदलाव किया जा रहा है. इसी महीने की शुरुआत में ये खबर आई थी कि विराट ने बीसीसीआई से इस कड़े नियम में कुछ छूट देने की बात कही थी.


जिसके बाद सीओए ने पिछले हफ्ते ही विराट, रवि शास्त्री और रोहित शर्मा से हैदराबाद में मुलाकात कर इस मसले पर बातचीत की थी. खबरों के मुताबिक इसके बाद बाद सीओए इस फैसले पर पहुंचा है कि दौरे पर खिलाड़ियों की पत्नी या गर्लफ्रेंड्स के रहने से क्रिकेटर्स को सपोर्ट मिलेगा.


हालांकि क्रिकेट के अलग-अलग देशों में विदेशों दौरों के दौरान खिलाड़ियों के साथ पत्नियों या गर्लफ्रेंड्स के जाने पर अलग-अलग नियम हैं. मौजूदा समय में अधिकांश टीमों ने अपने खिलाड़ियों के साथ फैमिली को भेजा जाना अलाउड नहीं किया है. साल 2007 में इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने स्वतंत्र स्पोर्ट्स एडमिनिसटेटर से 5-0 से टीम की हार पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा था कि फैमिली के साथ टीम के समय बिताने की वजह से ऐसा हुआ है.


उस समय टीम के स्टार बल्लेबाज़ केविन पीटरसन ने इस फैसले को बेतुका बताया था.


साल 2015 एशेज़ के दौरान भी ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज ईयान हेली ने भी खिलाड़ियों की पत्नियों और गर्लफ्रेंड्स को टीम की हार के लिए जिम्मेदार माना था.