नई दिल्लीः न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खत्म हो चुकी है अब नजर वनडे सीरीज पर है. टीम की कमान अब महेन्द्र सिंह धोनी के हाथों में है. कप्तान के साथ-साथ टीम इंडिया भी बदल गई है. ऐसे में सवाल यही है कि क्या विराट ने जो कर दिखाया वो धोनी कर पाएंगे. कोहली ने 500वें टेस्ट में जीत के बाद न्यूजीलैंड का क्लीन स्वीप किया था. 



जीतो 900वां वनडे



16 अक्टूबर को धर्मशाला में टीम इंडिया इतिहास रचने के लिए मैदान पर उतरेगी. टीम इंडिया पहली ऐसी टीम है जो 900 वनडे मैच खेलेगी.



जिस अंदाज में विराट की टीम ने 500वें टेस्ट को यादगार बनाया था कुछ वैसे ही धोनी के धुरंधर 900वें वनडे को सुनहरे अक्षरों में इतिहास का हिस्सा बनाना चाहेंगे और सिर्फ इसी मैच में ही नहीं, बल्कि 5 मैच की वनडे सीरीज में न्यूजीलैंड को धूल चटाने की तैयारी में होंगे महेंद्र सिंह धोनी.



लेकिन टेस्ट सीरीज में मिली जीत को दोहराना धोनी के लिए इतना आसान भी नहीं रहने वाला. 



वनडे नहीं आसान



न्यूजीलैंड सीरीज में धोनी की कप्तानी और उनका मौजूदा फॉर्म दोनों की कड़ी परीक्षा होने वाली है. धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया पिछले 6 में से सिर्फ एक सीरीज अपने नाम कर पाई. वो भी जिम्बाब्वे जैसी कमजोर टीम के खिलाफ.



साउथ अफ्रीका ने तो भारत में आकर वनडे सीरीज में टीम इंडिया को हराया था. वो भी टेस्ट सीरीज हारने के बाद. हालाकि पिछले 20 महीने से भारतीय टीम ज्यादातर विदेश में ही वनडे सीरीज खेली. पूरे एक साल बाद धोनी की टीम अपने घर पर कोई वनडे सीरीज खेलेगी और घर पर धोनी की टीम को चुनौती देना इतना आसान नहीं होगा. 



क्लीन स्वीप कर लो बदला



ये सीरीज धोनी के लिए बदले की सीरीज भी होगी. जनवरी 2014 में धोनी की टीम न्यूजीलैंड दौरे पर थी. जहां उन्हें वनडे सीरीज में करारी शिकस्त मिली थी. अब धोनी को पुराना हिसाब चुकता करना है.



टीम इंडिया आज तक अपने घर पर न्यूजीलैंड से कोई वनडे सीरीज नहीं हारी. धोनी इस रिकॉर्ड को बरकरार रखना चाहेंगे. खास तौर से तब, जब हम न्यूजीलैंड का टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप कर चुके हैं.