नई दिल्ली: भारत में खेलों के प्रमुख प्रसाकरणकर्ता-स्टार इंडिया का मानना है कि अगर विश्व पटल पर प्रशासनिक और वित्तीय क्षेत्रों में भारतीय क्रिकेट का वर्चस्व खत्म होता है तो यह विश्व क्रिकेट के लिए खतरनाक हो सकता है. स्टार के पास 2015 से 2023 तक भारत में होने वाले क्रिकेट मैचों तथा आईसीसी टूर्नामेंट्स का प्रसारण अधिकार है.
वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो ने स्टार इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) उदय शंकर के हवाले से लिखा है, "अगर आईसीसी द्वारा बीसीसीआई को किनारे किया जाता है तो व्यापार करने का जोखिम बेहद ज्यादा हो जाएगा."
शंकर ने यह बात आईसीसी के उस कदम पर कही जिसमें उसने क्रिकेट के तीन बड़े देशों को किनारे करने की बात कही है. आईसीसी की हाल ही में हुई बैठक में उसने नए वित्तिय ढांचे का प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत बीसीसीआई की मौजूदा कमाई 2014 में लगाए गए अनुमान से लगभग आधी रह जाएगी.
इस प्रस्ताव को बैठक में 8-2 की वोटिंग से पारित कर दिया गया था. जून में होने वाली बैठक में इसे अंतिम अनुमति मिलने का इंतजार है. वेबसाइट ने शंकर के हवाले से लिखा है, "अगर भारत अग्रिणी भूमिका नहीं निभाता है और अपनी आवाज खो बैठता है तो यह वैश्विक क्रिकेट के लिए नुकसानदायक होगा."
उन्होंने कहा, "हमारे लिए इस समय समस्या इस बात की है कि हम क्रिकेट में अब आम सहमति वाला रिश्ता नहीं देख रहे हैं. क्रिकेट की ताकत इस बात से है कि इसमें सभी लोग साथ हों. वैश्विक क्रिकेट को चलाने वाले नेतृत्व की जिम्मेदारी इसे आगे ले जाने की है. लेकिन यह रिश्ता टूटता नजर आ रहा है. इस समय हमारी सबसे बड़ी समस्या आईसीसी और बीसीसीआई में आई दरार को लेकर है. हमें क्रिकेट की राजनीति से कुछ नहीं करना."
हाल ही में भारतीय क्रिकेट कई उतार चढ़ावों से गुजरा है, जिसमें आईसीसी के साथ मतभेद तथा लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लेकर सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद आाया भूचाल भी शामिल हैं. इसी को देखते हुए स्टार ने बीते दिनों भारतीय क्रिकेट टीमों के जर्सी प्रायोजक के तौर पर एक मार्च को खत्म हो रहे अनुबंध को नवीकरण न करने का फैसला किया है.