भारतीय टीम के खिलाड़ी और फैंस अफगानिस्तान के मैच को कतई याद नहीं रखना चाहेंगे. अफगानिस्तान के अलावा विश्व कप में शामिल और कोई टीम होती तो भारत की हार तय थी. अफगानिस्तान ने भी नाक में दम तो कर ही दिया था. वो तो भला हो कि भारतीय गेंदबाजों ने अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन किया वरना भारत के अभियान पर काला टीका लग जाता. अब यहां से भारतीय खेमे में थोड़ी बेचैनी बढ़ेगी. इस बात पर चर्चा होगी कि आखिर गलती कहां हुई और उन गलतियों को सुधारा कैसे जाए. सबसे बड़ा सवाल तो प्लेइंग 11 पर होगा. इसके अलावा चर्चा इस बात पर भी होगी कि क्या भारतीय टीम को अपने बैटिंग ऑर्डर में बदलाव करने की जरूरत है.
कब खुद को साबित करेंगे विजय शंकर
सबसे बड़ा संकट विजय शंकर की फॉर्म को लेकर है. विजय शंकर को नंबर चार पर फिट करने के इरादे से लंदन ले जाया गया था. उन्होंने बल्लेबाजी में बहुत निराश किया है. ऐसा नहीं कि उनके करियर पर संकट है क्योंकि अभी उन्होंने ज्यादा मैच नहीं खेले हैं. लेकिन ये तय है कि विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में उनके ऊपर लगातार दांव लगाना टीम इंडिया को भारी पड़ सकता है. पाकिस्तान के खिलाफ वो 15 गेंद पर 15 रन ही बना पाए थे. अफगानिस्तान के खिलाफ तो उन्होंने 41 गेंद पर 29 रन ही बनाए. लंबे शॉट्स खेलने की जिम्मेदारी के साथ प्लेइंग 11 में शामिल किए गए विजय शंकर स्ट्राइक रोटेट करने में बुरी तरह नाकाम रहे. अफगानिस्तान के खिलाफ अगर उन्होंने सिंगल-डबल भी लिए होते तो भारत का स्कोर कम से कम 250 तक तो पहुंचाया ही जा सकता था. अफगानिस्तान के खिलाफ उनसे एक ओवर भी ना फिंकवा कर विराट कोहली ने ये भी साबित कर दिया कि वो उन्हें परफेक्ट ऑलराउंडर की श्रेणी में अभी नहीं रख रहे हैं. विजय शंकर के ऊपर तमाम लोगों की निगाहें इसलिए भी हैं क्योंकि उन्हें अंबाती रायडू को नजरअंदाज कर विश्व कप टीम में शामिल किया गया था. ऐसा क्यों किया गया, इस सवाल के जवाब में चयनकर्ताओं ने कहा था कि वो थ्री-डायमेंशनल क्रिकेटर हैं. जिस पर अंबाती रायडू ने तल्ख टिप्पणी भी की थी. ऐसे में विजय शंकर को हर मैच में इम्तिहान देना होगा. वो मैच दूर नहीं जब प्लेइंग 11 में ऋषभ पंत के लिए उन्हें जगह बनानी होगी.
भुवनेश्वर कुमार को करना होगा इंतजार
शनिवार को अफगानिस्तान के खिलाफ जीत में मोहम्मद शमी हीरो रहे. विश्व कप में हैट्रिक लेने वाले वो दूसरे भारतीय गेंदबाज हैं. इससे पहले ये कारनामा चेतन शर्मा ने किया था. मोहम्मद शमी विश्व कप में हैट्रिक लेने वाले दसवें गेंदबाज हैं. ऐसे में अब सवाल भुवनेश्वर कुमार को लेकर है. पाकिस्तान के खिलाफ मैच के दौरान हैमस्ट्रिंग में तकलीफ की वजह से वो मैदान से बाहर हुए थे. अब अगर वो फिट भी हो जाते हैं तो उन्हें प्लेइंग 11 में वापसी के लिए इंतजार करना होगा. मोहम्मद शमी ने पहले ही मैच में अपनी उपयोगिता साबित कर दी है.
बल्लेबाजी क्रम में भी बदलाव संभव
ऋषभ पंत जब भी आते हैं उन्हें लोवर मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी कराने के पक्ष में है. जिससे वो आखिरी ओवरों में तेज गति से रन बटोर सकें. इस बदलाव की सूरत में महेंद्र सिंह धोनी या केदार जाधव में से किसी एक को नंबर चार पर बल्लेबाजी करनी होगी. धोनी इसलिए ज्यादा मुफीद लगते हैं क्योंकि उनके पास बड़े टूर्नामेंट्स का अनुभव तो है ही साथ ही साथ वो अपनी पारी को जमाने में थोड़ा वक्त लेते हैं. उनकी शुरूआत ज्यादातर मैचों में धीमी होती है लेकिन पारी के खत्म होते होते वो स्ट्राइक रेट बेहतर कर लते हैं. केदार जाधव भी भरोसेमंद बल्लेबाज हैं. अब भारतीय टीम को अगला मैच 27 जून को वेस्टइंडीज से खेलना है. वेस्टइंडीज की टीम ने पिछले मैच में न्यूज़ीलैंड को परेशान कर दिया था. न्यूज़ीलैंड ने बड़ी मुश्किल से पांच रनों से मैच जीता. ऐसे में अगले मैच से पहले टीम इंडिया को बहुत सतर्क रहना होगा. बदलावों पर सकारात्मक बातचीत करनी होगी.
BLOG: अफगानिस्तान के खिलाफ मैच के बाद किन बदलावों के हैं संकेत
ABP News Bureau
Updated at:
23 Jun 2019 05:08 PM (IST)
विजय शंकर को नंबर चार पर फिट करने के इरादे से लंदन ले जाया गया था. उन्होंने बल्लेबाजी में बहुत निराश किया है. ऐसा नहीं कि उनके करियर पर संकट है क्योंकि अभी उन्होंने ज्यादा मैच नहीं खेले हैं. लेकिन ये तय है कि विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में उनके ऊपर लगातार दांव लगाना टीम इंडिया को भारी पड़ सकता है.
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