India vs Bangladesh 1st ODI: एक समय था जब भारतीय बल्लेबाजों के आगे दुनिया के स्पिनर पानी मांगते थे. शेन वॉर्न, मुथैया मुरलीधरन और सकलैन मुस्ताक के खिलाफ टीम इंडिया के बैटरों ने ढेरों रन बनाए. विश्व क्रिकेट में हमेशा इस बात चर्चा रही कि भारतीय बल्लेबाज स्पिनरों के खिलाफ बेखौफ होकर बल्लेबाजी करते हैं. स्पिनर कितना भी महान क्यों न हो? लेकिन बीते कुछ समय से देखने में आया है कि भारतीय बल्लेबाज स्पिनर्स के खिलाफ उतना खुलकर नहीं खेल पाते. ऐसा नहीं है कि टीम इंडिया के खिलाड़ी उनका सामना करने से कतराते हैं. लेकिन इतना जरूर है कि मौजूदा टीम के कुछ बल्लेबाजों को स्पिन खेलने की आदत फिर डालनी होगी. आज बांग्लादेश के खिलाफ मैच को देखा जाए तो भारतीय बल्लेबाज शाकिब अल हसन के आगे उबर नहीं पाए. बेशक, शाकिब बेहतरीन बॉलर हैं लेकिन इन्हीं के खिलाफ हमारी टीम के खिलाड़ियों ने जमकर रन बनाए हैं. लेकिन आज जिस तरह से भारतीय टीम ने उनके आगे समर्पण किया उसे देखकर थोड़ा अजीब लगता है.
स्पिनर्स ने झटके 6 विकेट
मैच में बांग्लादेश के स्पिनर्स से निपटने में भारत को काफी परेशानी हुई. भारतीय उपमहाद्वीप में स्पिन के खिलाफ टीम इंडिया के बल्लेबाजों की तूती बोलती है. लेकिन शाकिब ने आज अपनी बेहतरीन बॉलिंग से भारतीयों की बोलती बंद कर दी. भारत की पारी में 10 में 6 विकेट स्पिनर्स ने चटकाए. बाकी चार विकेट फास्ट बॉलर इबादत हुसैन को मिले. शाकिब ने भारत पर दबाव बनाया उसका फायदा इबादत को मिला. शाकिब ने 5 विकेट लिए. जबकि दूसरे स्पिनर मेहदी हसन मिराज ने 1 विकेट मिला. गेंदबाजों को अगर छोड़ दिया जाए तो भारत पहले मैच में अपनी सर्वश्रेष्ठ बैटिंग के साथ उतरा था.
भारत कैसे जीतेगा वर्ल्ड कप?
बांग्लादेश के खिलाफ मैच में मिली हार भारत के लिए एक सबक है. मेजबान टीम नौवां विकेट 136 रन पर गिरा. उस समय बांग्लादेश को मैच जीतने के लिए 51 रन की दरकार थी. हम उनका अंतिम विकेट आउट नहीं कर पाए. हां ये सच है कि इस मैच में कई ऐसे बॉलर रहे जो वनडे के नियमित गेंदबाज नहीं हैं या उन्हें एकदिवसीय क्रिकेट में कम मौके मिले हैं. लेकिन भारतीय बॉलर कर भी क्या सकते थे. सभी ने मैच जीतने के लिए पूरे जोश के साथ बॉलिंग की. अगर खाते में 200 से ज्यादा रन होते तो टीम इंडिया के जीतने के ज्यादा चांस थे. लेकिन बल्लेबाजों ने निराश किया. जिस टीम में रोहित शर्मा, शिखर धवन, विराट कोहली और केएल राहुल हों वह सिर्फ 186 रन पर सिमट जाए तो परेशानी होती है. चलिए राहुल ने तो कुछ मान रखा. नहीं तो भारत की और दुर्गित हो जाती.
अब जरा सोचिए हम 2023 के विश्व कप की तैयारी कर रहे हैं. न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज हारकर आए हैं. बांग्लादेश के खिलाफ श्रृंखला का पहला मुकाबला हार चुके हैं. अब हमें सीरीज में बने रहने के लिए दूसरा वनडे हर हाल में जीतना होगा. बांग्लादेश के खिलाफ हार का सारा दोष बल्लेबाजों का है. हमारे प्रमुख बैटर्स को खुलकर खेलना चाहिए. अगर हम सबकॉन्टिनेंट में ही हार रहे हैं तो विश्व कप के लिए दावा कैसे कर सकते हैं. वर्ल्ड कप जहां एक हार आपके सारे समीकरण बिगाड़ सकती है. भारत को चाहिए वह अपनी मुख्य टीम के साथ खेले. बांग्लादेश के खिलाफ हम जिस प्लेइंग इलेवन के साथ उतरे थे उससे हम विश्व कप जैसा बड़ा इवेंट शायद ही जीत पाएं.
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