कोरोना वायरस के कहर के बीच भारत में घरेलू क्रिकेट की वापसी की फिलहाल कोई संभावना नज़र नहीं आ रही है. हालांकि टीम इंडिया 8 महीने के अंतराल के बाद इस महीने एक बार फिर से इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी करने जा रही है. लंबे वक्त हो जाने की वजह से खिलाड़ियों को प्रैक्टिस की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा है, इसलिए बीसीसीआई ने फर्स्ट क्लास गेंदबाजों को ऑस्ट्रेलिया भेजना का फैसला किया है. ये सभी गेंदबाज ऑस्ट्रेलिया में भारतीय बल्लेबाजों को नेट्स पर प्रैक्टिस करवाएंगे.


भारत ने कमलेश नागरकोटी, कार्तिक त्यागी, इशान पोरेल और टी. नजटरान को नेट्स गेंदबाज के रूप में आस्ट्रेलिया भेजा है. नागरकोटी को हालांकि बीसीसीआई के वर्कलोड मैनेजमेंट के कारण इससे वापस बुलाना पड़ा है.


बीसीसीआई ने हाल के वर्षो में यह महसूस किया है कि विदेशी दौरों पर टीम के साथ नेट्स गेंदबाज को भेजे जाने की जरूरत है ताकि ये गेंदबाज उन्हें नेट्स पर अभ्यास करा सकें. महेंद्र सिंह धोनी ने 2013 में दक्षिण अफ्रीका दौरे के समय कहा था, "हम हमेशा इन नेट गेंदबाजों को हर जगह ले जाते हैं."


ऑस्ट्रेलिया ने जूनियर गेंदबाजों को दिया मौका


बीसीसीआई ने नेट्स गेंदबाजों के स्तर को ध्यान में रखते हुए हाल के टूर्नामेंटों में अपने गेंदबाज भेजे हैं. इनमें पिछले साल खेले गए विश्व कप और अब आस्ट्रेलिया दौरा भी शामिल है. दूसरी तरफ, मेजबान आस्ट्रेलिया अपने अंडर-19 क्रिकेटरों को ही नेट्स गेंदबाज के रूप में इस्तेमाल कर रहा है क्योंकि वो अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट प्रतियोगिता या फिर टी-20 बिग बैश लीग को प्रभावित नहीं करना चाहता है.


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