रवि शास्त्री के कोच बनने के बाद भारत विदेशी जमीन पर टेस्ट सीरीज गंवा रही है, साउथ अफ्रीका के बाद भारत को इंग्लैंड के खिलाफ भी टेस्ट सीरीज में हार ही मिली. लेकिन शास्त्री का मानना है कि मौजूदा टीम पिछले 15-20 साल में विदेशों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली टीम है.
भारतीय टीम चौथे टेस्ट में 62 रन से हार गयी जिससे वह पांच मैचों की सीरीज में 1-3 से पिछड़ गयी. सीरीज का अंतिम मैच शुक्रवार से ओवल मैदान पर खेला जाएगा.
शास्त्री ने कहा, ‘‘हमारे खिलाड़ियों ने पूरा जोर लगाया. अगर आप पिछले तीन साल के रिकॉर्ड को देखेंगे तो हमने विदेशों में नौ मैच और तीन सीरीज में जीत दर्ज की है (वेस्टइंडीज और श्रीलंका के खिलाफ दो बार).’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पिछले 15-20 वर्षों में किसी भी भारतीय टीम का इतने कम समय में ऐसा प्रदर्शन नहीं देखा है जैसा इस टीम ने किया है. इस टीम में दमखम है.’’
शास्त्री ने कहा, ‘‘जब आप मैच हारते है तो दुख होता है. ऐसे समय में आप अपना आकलन करते हैं और ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए सही हल ढूंढते हैं और लक्ष्य पाने की कोशिश करते हैं. अगर आप खुद में विश्वास करते हैं तो एक दिन आप ऐसा कर पाएंगे.’’
मानसिक रूप से मजबूत होने की आवश्यकता
मुख्य कोच ने विदेशी परिस्थितियों में टेस्ट सीरीज जीतने के लिए मानसिक रूप से मजबूत होने की आवश्यकता पर जोर दिया जैसा कि कप्तान विराट कोहली ने भी साउथैम्प्टन टेस्ट में हार के बाद कहा था.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आपको मानसिक रूप से मजबूत होना होगा. हमने विदेशों में कड़ी टक्कर दी है लेकिन अब यह सिर्फ टक्कर देने के बारे में नहीं हैं. हमें यहां से अब मैच जीतना होगा. अब हमारा प्रयास यह समझने का होना चाहिए कि हमने कहां गलतियां की है और उस में सुधार कर आगे बढ़ना होगा.’’
शास्त्री ने कहा, ‘‘सीरीज का नतीजा 3-1 है जिसका मतलब भारत ने सीरीज गवां दी है. इस नतीजे से यह पता नहीं चलता है कि यह सीरीज 3-1 से भारत के पक्ष में या दो-दो की बराबरी पर भी हो सकती थी. पिछले मैच के बाद खिलाड़ियों को दुखी होना चाहिए और वे दुखी है लेकिन यह टीम आसानी से हार नहीं मानने वाली है.’’
बल्लेबाजों को सही शॉट का चयन करना होगा
उन्होने बल्लेबाजों को सही शॉट चयन की सलाह देते हुए कहा, ‘‘मुझे लगता है सही शॉट चयन होना चाहिए था. हम टी (साउथैम्प्टन) के बाद अच्छी स्थिति में थे लेकिन हमने उसे गवां दिया. यह ऐसा क्षेत्र है जिसपर हमें काम करना होगा और टीम की जरूरत को समझना होगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब हम चार विकेट पर 180 पर थे तो मुझे लगा कि हम 75-80 रन की बढ़त हासिल कर सकते थे और वह जरूरी होता. एजबेस्टन का मैच किसी के पाले में जा सकता था. एक समय इंग्लैंड की टीम की स्थिति मजबूत थी लेकिन हम वापसी करने में कामयाब रहे. पहले दिन गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के बाद हमें काफी आगे होना चाहिए था.’’
अश्विन से बेहतर रहे अली
उन्होंने कहा कि दोनों टीमों में मोईन अली का एक बड़ा अंतर था जिन्होंने पिच के रफ इलाके का अश्विन से बेहतर इस्तेमाल किया.
उन्होंने कहा, ‘‘अश्विन फिट था. आपको अंतिम दिन मोईन अली को श्रेय देना होगा. ईमानदारी से कहुं तो मोईन ने शानदार ढंग से गेंदबाजी की.’’