बेंगलुरू: चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ शानदार जीत हासिल करने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम आईसीसी टी-20 विश्व कप में अपने जीत के सिलसिले को हर हाल में बरकरार रखना चाहेगी. आज एम. चिन्नास्वामी क्रिकेट स्टेडियम में उसे बांग्लादेश के खिलाफ अपना अगला मैच खेलना है, जिसमें उसकी कोशिश सिर्फ जीत नहीं बल्कि बड़े अंतर से जीत दर्ज करने की होगी. भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना पहला मैच हार गई थी. अब आगे टीम अगर एक और मैच हार जाती है तो सेमीफाइनल की राह मुश्किल हो जाएगी.



 



वहीं, बांग्लादेश को अपने दोनों मैचों में हार का मुंह देखना पड़ा था. उसे पहले मैच में पाकिस्तान ने हराया. दूसरे मैच में उसे आस्ट्रेलिया से शिकस्त खानी पड़ी थी. ऐसे में उसे अपने अगले दोनों मैच बड़े अंतर से जीतने होंगे.



 



अगर टीमें ग्रुप दौर के अंत में दो-दो मैच ही जीतती हैं तो सेमीफाइनल में जाने के लिए टीमों के रन रेट को देखकर फैसला लिया जाएगा. इस लिहाज से टीमों को बड़े अंतर से जीत दर्ज करनी होगी.



 



पाकिस्तान के खिलाफ भारत ने हर क्षेत्र में अपनी बादशाहत साबित की. टीम का ऊपरी क्रम हांलांकि धराशायी हो गया था और सिर्फ विराट कोहली ही रन कर पाए थे. कोहली हर मैच में भारत के संकट मोचक बन कर उभरे हैं.



 



इससे पहले दोनों टीमें एशिया कप के फाइनल में आमने-सामने हुई थीं. जहां भारत ने जीत दर्ज की थी. तब भी विराट कोहली ने भारत को जीत की दहलीज तक पहुंचाने में अहम भूूमिका निभाई थी.



 



युवराज सिंह ने अभी तक कोई बड़ी पारी नहीं खेली है जिसके लिए वह जाने जाते हैं लेकिन संकट की घड़ी में वह हमेशा विराट के साथ खड़े रहे और अहम साझेदारी कर टीम को जीत दिलाई. पाकिस्तान के खिलाफ भी उन्होंने संकट के समय विकेट पर खड़े रहकर विराट का साथ दिया था. उन्होंने हमेशा छोटी लेकिन अहम पारी खेली. बांग्लादेश के खिलाफ उनसे बड़ी पारी की उम्मीद होगी.



 



धौनी के लिए बल्लेबाजी में सबसे बड़ी चिंता का विषय सुरेश रैना का फॉर्म में ना होना है. वह बल्ले से कोई कमाल नहीं दिखा पाए हैं. धौनी ने हालांकि पाकिस्तान से मैच के बाद कहा था कि उन्हें रैना पर भरोसा है. बुधवार को धौनी चाहेंगे की रैना उनके भरोसे पर खरा उतरें.



 



टीम के लिए सबसे अच्छी बात उसके गेंदबाजों का शानदार फॉर्म में होना है. भारतीय टीम बीते कई सालों से गेंदबाजों की समस्या से जूझ रही थी, लेकिन अनुभवी आशीष नेहरा, रविचन्द्रन अश्विन और युवा जसप्रीत बुमराह ने टीम को ना सिर्फ इस संकट से उबारा बल्कि एक मजबूत गेंदबाजी आक्रमण की नींव रखी.



 



हरफनमौला हार्दिक पंड्या ने टीम को बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में सहयोग दिया. वह हालांकि शुरुआती कुछ मैचों के बाद बल्ले से रन नहीं बना पाए हैं लेकिन गेंदबाजी में उन्होंने हमेशा ही टीम को सफलता दिलाई है.



 



वहीं, दूसरी तरफ बांग्लादेश भले ही अपने दोनों मैच हार चुका हो लेकिन वह किसी भी टीम को हराने में सक्षम है. अपने अंतिम मैच में आस्ट्रेलिया के खिलाफ उसने अंत तक लड़ाई की थी और कंगारुओं को परेशान कर रखा था. ऐसे में भारत उसे हल्के में नहीं ले सकता.



 



बांग्लादेश के लिए सबसे बड़ी चिंता तमीम इकबाल का स्वस्थ्य ना होना है. वह टीम की बल्लेबाजी की धुरी हैं, लेकिन बीमार होने के कारण वह आस्ट्रेलिया के खिलाफ नहंीं खेल पाए थे. टीम चाहेगी की वह ठीक होकर जल्दी वापसी करें.



 



बांग्लादेश के लिए अराफत सनी और तस्कीन अहमद पर गेंदबाजी करने से प्रतिबंध लगने के बाद उसे बड़ा झटका लगा है. यहां बांग्लादेश इन दोनों के जाने से थौड़ी कमजोर जरूर लग रही है.



 



वहीं, बांग्लादेश के लिए मुस्ताफिजुर रहमान का चोट से वापसी करना टीम के लिए अच्छा संकेत है. वह भारत के खिलाफ हमेशा अच्छा प्रदर्शन करते आए हैं. टीम के अनुभवी खिलाड़ी शाकिब अल हसन भारत के लिए हमेशा खतरा बने हैं. वह बल्ले और गेंद से टीम के लिए हमेशा उपयोगी योगदान करते आए हैं.



 



टीमें :



 



भारत : महेन्द्र सिंह धौनी (कप्तान), रोहित शर्मा, शिखर धवन, विराट कोहली, सुरेश रैना, युवराज सिंह, अजिंक्य रहाणे, रविन्द्र जडेजा, हार्दिक पंड्या, रविचन्द्रन अश्विन, हरभजन सिंह, जसप्रीत बुमराह, आशीष नेहरा, पवन नेगी, मोहम्मद समी.



 



बांग्लादेश : मशरफे मुर्तजा (कप्तान), शाकिब अल हसन, अबु हैदर, अल अमीन हुसैन, महामुदल्लाह, मोहम्मद मिथुन, मुश्फिकुर रहीम, मुस्ताफिजुर रहमान, नासिर हुसैन, नुरुल हसन, शब्बीर रहमान, सकलैन शाजिब, शुवागात होम, सौम्य सरकार, तमीम इकबाल, अराफत सनी, तस्कीन अहमद, इनरूल कैयस, कमरूल इस्लाम रब्बी, मुक्तार अली.