1947/48 से शुरु हुई भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट राइवलरी में ये पहला मौका है जब कोई भारतीय टीम, ऑस्ट्रेलिया के घर में घुसकर उसे हराकर लौटेगी. ऑस्ट्रेलिया में जाकर ये इतिहास रचने का सुनहरा मौका मिला है कप्तान विराट कोहली को.
विराट के नेतृत्व में पहली बार किसी टीम ने ये कारनामा किया है. इसीलिए विराट के लिए भी ये जीत बेहद खास है. उन्होंने इस जीत को 2011 विश्वकप जीत से भी बड़ा करार दे दिया है.
विराट ने सीरीज़ जीत के बाद प्रेसेंटेशन सेरेमनी में कहा, 'सबसे पहले मैं कहना चाहूंगा कि इस समय मुझे इस टीम का हिस्सा होने से ज्यादा गर्व किसी चीज़ में नहीं है. मैं सिर्फ एक शब्द कहना चाहूंगा 'प्राउड'. इस टीम की कप्तानी करना मेरे लिए एक सम्मान की बात की है. टीम के खिलाड़ियों की वजह से कप्तान की तारीफ हो रही है.'
लेकिन इस ऐतिहासिक जीत की खुशी में विराट कोहली ने सबसे बड़ी बात कही आखिर में. उन्होंने कहा कि 'अब तक ये मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है. ये अब तक की सबसे शीर्ष जीत है. जब हमने 2011 विश्वकप जीता था तो मैं टीम का सबसे युवा सदस्य था. सबको वहां इमोशनल होते देखा. लेकिन मैं उसे महसूस नहीं कर सका. लेकिन यहां(ऑस्ट्रेलिया में) तीन बार आने के बाद मेरे लिए ये जीत बेहद खान है और कुछ और ही मायने रखती है.'
टीम इंडिया ने चार मैचों की टेस्ट सीरीज़ में ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराया है, जो कि बेहद खास है. इस जीत के बाद पूरे देश के अंदर जश्न का माहौल है.