ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के चौथे दिन भारतीय क्रिकेट टीम ने अपनी मजबूत पकड़ बना लिया है. चौथे दिन के स्टंप्स तक 323 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम चार विकेट खोकर 104 रन बनाए हैं.
इससे पहले निचले क्रम के बल्लेबाजों के लचर प्रदर्शन के बावजूद चेतेश्वर पुजारा और अंजिक्य रहाणे के अर्द्धशतकों से भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के सामने चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखने में सफल रही थी.
ऑस्ट्रेलिया ने 323 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए चौथे दिन का खेल समाप्त होने तक चार विकेट पर 104 रन बनाये हैं. उसे जीत के लिये अब भी 219 रन की दरकार है. ऑस्ट्रेलिया का दारोमदार अनुभवी शान मार्श (नाबाद 31) और पहली पारी में अपने जुझारूपन का परिचय देने वाले ट्रेविस हेड (नाबाद 11) पर टिका है.
भारत के निचले क्रम के बल्लेबाज नहीं चल पाये और उसने अपने आखिरी चार विकेट पर चार रन के अंदर गंवाये लेकिन पुजारा (71) और रहाणे (70) के अर्द्धशतकों की मदद से वह 307 रन बनाने में सफल रहा. नाथन लियोन ने 122 रन देकर छह और मिशेल स्टार्क ने 40 रन देकर तीन विकेट लिये.
इसके बाद मोहम्मद शमी (15 रन देकर दो) और रविचंद्रन अश्विन (44 रन देकर दो) ने भारत को महत्वपूर्ण सफलताएं दिलायी. मार्श और हेड ने हालांकि अंतिम घंटे में भारतीय गेंदबाजों के सामने कड़ी परीक्षा से गुजरकर मैच के रोमांचक अंत की उम्मीदें भी जगा दी हैं. भारत ने पहली पारी में 250 रन बनाने के बाद ऑस्ट्रेलिया को 235 रन पर आउट कर दिया था.
भारत ने टी ब्रेक से पहले ही एरॉन फिंच (11) को आउट करके ऑस्ट्रेलिया को शुरुआती झटका दिया. फिंच ने जब खाता भी नहीं खोला था तब इशांत शर्मा की पारी की दूसरी गेंद पर अंपायर ने उन्हें एलबीडबल्यू आउट दे दिया था. बल्लेबाज ने डीआरएस का सहारा लिया. इशांत ने नोबॉल की थी और इसलिए फैसला बदल दिया गया.
अश्विन ने हालांकि टी ब्रेक से ठीक पहले फिंच को विकेटकीपर ऋषभ पंत के हाथों कैच कराकर भारत को पहली सफलता दिलायी. अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे मार्कस हैरिस को मोहम्मद शमी की गेंद को लाइन में आये बिना कट करना महंगा पड़ा और पंत ने मैच का अपना आठवां कैच लपका. इससे पहले पुजारा ने हैरिस का मुश्किल कैच भी छोड़ा था.
ऑस्ट्रेलिया का दारोमदार अब उसके दो अनुभवी बल्लेबाजों उस्मान ख्वाजा और शॉन मार्श पर था. अश्विन ने हालांकि ख्वाजा (आठ) को आउट करके भारत को बड़ी सफलता दिलायी. बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने फ्लाइट लेती गेंद को मिडऑफ पर उछाला जिसे रोहित शर्मा ने बड़ी खूबसूरती से कैच किया.
मार्श ने पीटर हैंडसकांब (14) के साथ मिलकर 13 ओवर से भी अधिक समय तक भारत को सफलता नहीं मिलने दी. ऐसे में शमी ने फिर से गेंद संभाली और हैंडसकांब ने उनकी शॉर्ट पिच गेंद पर गलत टाइमिंग से पुल करके मिडविकेट पर पुजारा को आसान कैच थमाया.
इससे पहले भारत ने सुबह तीन विकेट पर 151 रन से आगे खेलना शुरू किया. पुजारा और रहाणे ने चौथे विकेट के लिये 87 रन की साझेदारी करके ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण को बैकफुट पर रखा.
पहली पारी में शतक जड़ने वाले पुजारा ने दिन के शुरू में ही दो चौके लगाकर सकारात्मक अंदाज में शुरुआत की. रहाणे 74वें ओवर में डीआरएस के सहारे कैच आउट होने से बचे. उस समय गेंद उनके बल्ले से नहीं लगी थी.
पुजारा ने 140 गेंदों पर अपना 20वां अर्द्धशतक पूरा किया. ऑस्ट्रेलिया ने 80 ओवर के तुरंत बाद नई गेंद ली लेकिन स्टार्क का अपनी गेंदों पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं था.
ऑस्ट्रेलिया को आखिर में 88वें ओवर में दिन की पहली सफलता मिली जब लियोन ने पुजारा को शॉर्ट लेग पर कैच आउट कराया. पुजारा जब पवेलियन लौट रहे थे तो दर्शकों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया. उन्होंने इस मैच में 450 गेंदों का सामना किया. वह ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर एक मैच में सर्वाधिक गेंदों का सामना करने वाले भारतीय बल्लेबाजों की सूची में सचिन तेंदुलकर (525 गेंदें, सिडनी, 2004) के बाद दूसरे स्थान पर पहुंच गये हैं.
इसके बाद रोहित शर्मा (एक) क्रीज पर उतरे लेकिन तुरंत ही पवेलियन लौट गये. लियोन की गेंद पर हैंड्सकांब ने सिली प्वाइंट पर उनका बेहतरीन कैच लपका. रहाणे ने एक छोर संभाले रखा और 111 गेंदों पर अपना 16वां अर्द्धशतक पूरा किया.
पंत (28) ने लियोन पर आक्रामक रवैया अपनाया लेकिन वह देर तक नहीं टिक पाये और खराब शाट खेलकर डीप कवर पर कैच देकर पवेलियन लौटे. अश्विन (पांच) और रहाणे ने भी अस्वाभाविक शॉट खेलकर अपने विकेट गंवाये जिससे लगने लगा था कि भारत पारी समाप्ति की घोषणा करने की तरफ बढ़ रहा है लेकिन इसकी नौबत नहीं आयी.
अश्विन ने स्टार्क पर पुल करके आसान कैच दिया जबकि रहाणे ने रिवर्स स्वीप करके कैच थमाया. मोहम्मद शमी (शून्य) ने लियोन की पहली गेंद पर ही लंबा शॉट खेलकर सीमा रेखा पर कैच का अभ्यास कराया. इशांत शर्मा (शून्य) के आउट होने से भारतीय पारी समाप्त हो गयी.