ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच वनडे मैचों की सीरीज तीसरे मुकाबले में भारतीय टीम पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के होमग्राउंड रांची में सीरीज में जीतने के इरादे से मैदान पर उतरेगी. भारत ने सीरीज के शुरुआती दो मैचों को जीत कर 2-0 की बढ़त हासिल कर चुकी है.
रांची के सबसे पसंदीदा खिलाड़ी धोनी के लिए 3-0 की बढ़त बेहतरीन तोहफा होगा जो भारत के लिए अपने घरेलू मैदान पर संभवत: अंतिम मैच खेलेंगे.
मौजूदा सीरीज के प्रत्येक मैच में धोनी की काफी हौसलाअफजाई हो रही है क्योंकि फैंस को पता है कि उन्हें संभवत: इस मैदान पर धोनी को भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए देखने का मौका नहीं मिलेगा.
इस भावनात्मक पहलू के बीच शीर्ष क्रम की बल्लेबाजी भारत के लिए चिंता का विषय है क्योंकि शिखर धवन की खराब फॉर्म के कारण भारत की शुरुआत पर असर पड़ रहा है. धवन पिछले 15 वनडे मैचों में सिर्फ दो अर्द्धशतक जड़ पाए हैं लेकिन इसकी संभावना कम ही है कि भारत पहले दो मैच जीतने वाली टीम में कोई बदलाव करेगा.
फॉर्म में वापसी करने वाले लोकेश राहुल को अपने मौके के लिए भारत के सीरीज जीतने का इंतजार करना पड़ सकता है लेकिन टीम मैनेजमेंट उन्हें तीसरे नंबर पर भी आजमा सकता है. भारत ने छह विकेट और आठ रन से जीत दर्ज की. ये जीत भले ही आसान नहीं रही हो लेकिन दबाव में करीबी मैच जीतने से टीम का मनोबल बढ़ा होगा.
दोनों ही मैचों में भारत की गेंदबाजी बेहतरीन रही और ऑस्ट्रेलिया की टीम 250 रन के स्कोर तक पहुंचने में नाकाम रही. विराट कोहली ने दूसरे वनडे में नागपुर की धीमी पिच पर शतक जड़कर अपना कौशल दिखाया लेकिन अन्य बल्लेबाज अब तक उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं.
उप कप्तान रोहित शर्मा पहले मैच में लय में नजर आ रहे थे लेकिन बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे. केदार जाधव और धोनी ने पहले वनडे में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी लेकिन दूसरे वनडे में ये दोनों ही बुरी तरह विफल रहे.
न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछली सीरीज में 90 रन की सिर्फ एक अच्छी पारी खेलने वाले अंबाती रायुडू के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी है और उनकी जगह राहुल को मौका दिया जा सकता है. फर्स्ट क्लास क्रिकेट से संन्यास लेने वाले रायुडू को क्रीज पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और उनकी मुख्य समस्या स्ट्राइक रोटेट करने में नाकाम रहना है.
अगर धवन को टीम में बरकरार रखा जाता है तो राहुल को तीन मैच खिलाने का सर्वश्रेष्ठ तरीका यह है कि वह तीसरे नंबर पर उतरें जबकि कप्तान कोहली रायुडू की जगह चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करें.
भारत की गेंदबाजी को लेकर कोई समस्या नजर नहीं आती. टीम के गेंदबाज इकाई के रूप में प्रदर्शन करने में सफल रहे हैं. दूसरे मैच का सबसे सकारात्मक पक्ष जाधव और विजय शंकर का मिलकर पांचवें गेंदबाज की भूमिका सफलतापूर्वक निभाना रहा.
विजय शंकर ने अंतिम ओवर में दो विकेट चटकाकर भारत को जीत दिलाई जिससे कप्तान के अंदर भी भरोसा आया होगा कि अगर हार्दिक पंड्या नहीं खेल पाते हैं तो वह तमिलनाडु के इस ऑलराउंडर पर निर्भर रह सकते हैं.
हालांकि वह अब भी ऐसे गेंदबाज नहीं हैं जो प्रत्येक मैच में लगातार छह से सात ओवर फेंक सके.
मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह ने अब तक दो मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया है. शमी ने पहले मैच में पहले स्पैल में शानदार गेंदबाजी की जबकि बुमराह ने दूसरे मैच में एक बार फिर डेथ ओवर में गेंदबाजी की अपनी क्षमता दिखाई.
एक अन्य गेंदबाज जो विश्व कप टीम में जगह बनाने की ओर कदम बढ़ा रहा है वह रविंद्र जडेजा हैं जिन्होंने बीच के ओवरों में कुलदीप यादव के साथ शानदार गेंदबाजी की. यह लगभग तय हो गया है कि सिद्धार्थ कौल को बैकअप तेज गेंदबाज के रूप में मौका नहीं मिलेगा जबकि आराम के बाद टीम में भुवनेश्वर कुमार की वापसी हुई है.
टीमें इस प्रकार हैं:
भारत:
विराट कोहली (कप्तान), शिखर धवन, रोहित शर्मा, अंबाती रायुडू, केदार जाधव, विजय शंकर, महेंद्र सिंह धोनी, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, रविंद्र जडेजा, युजवेंद्र चहल, भुवनेश्वर कुमार और ऋषभ पंत.
ऑस्ट्रेलिया:
आरोन फिंच (कप्तान), उस्मान ख्वाजा, पीटर हैंड्सकोम्ब, शान मार्श, ग्लेन मैक्सवेल, मार्कस स्टोइनिस, एश्टन टर्नर, झाय रिचर्डसन, एडम जंपा, एंड्रयू टाई, पैट कमिंस, नाथन कोल्टर नाइल, एलेक्स केरी, नाथन लियोन और जेसन बेहरेनडोर्फ.
समय: मैच दोपहर डेढ़ बजे शुरू होगा.