नई दिल्ली/धर्मशाला: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही 4 टेस्ट मैचों की सीरीज़ अपने अंतिम पड़ाव पर धर्मशाला पहुंच चुकी है. आज से सीरीज़ का अंतिम और निर्णायक मैच धर्मशाला के एचपीसीए मैदान पर खेला जाएगा. जहां भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों टीमों की कोशिश मुकाबला जीत सीरीज़ को अपने नाम नाम करने की होगी.
दोनों ही टीमें सीरीज़ में 1-1 की बराबरी पर हैं इसलिए अंतिम टेस्ट निर्णायक बन चुका है.
इस टेस्ट को जीतने से पहले टीम इंडिया के लिए कप्तान विराट कोहली की कंधे की चोट बड़ी परेशानी बन चुकी है. मैदानी जंग और जुबानी जंग के बीच चल रही यह बेहद प्रतिस्पर्धी श्रृंखला अभी 1-1 से बराबरी पर है लेकिन भारत के लिये निर्णायक मैच की पूर्व संध्या पर खबर अच्छी नहीं है क्योंकि स्वयं कप्तान ने स्वीकार किया कि अगर वह शत प्रतिशत फिट नहीं होते तो मैदान पर नहीं उतरेंगे क्योंकि अगर वह खेलते हैं तो चोट के बढ़ने का जोखिम रहेगा।
मैच की पूर्व संध्या पर दिया गया बयान एक तरह से संकेत है कि कोहली के मैच में खेलने की संभावना क्षीण है। एक ऐसा मैच जिसमें कोहली जैसे कुशल नेतृत्वकर्ता की टीम को सख्त जरूरत पड़ेगी। एक बल्लेबाज के तौर पर कोहली के लिये वर्तमान श्रृंखला किसी दुस्वप्न से कम नहीं रही लेकिन अगर वह नहीं खेलते हैं और उनके स्थान पर आने वाले श्रेयस अय्यर बड़ा स्कोर नहीं बना पाते है तो फिर उन जैसे नामी बल्लेबाज की कमी भारत को भारी पड़ सकती है।
कोहली ने बीते दिन नेट्स पर बल्लेबाजी अभ्यास किया लेकिन स्वीकार किया कि फिजियो पैट्रिक फरहार्ट उनके खेलने को लेकर फैसला करेंगे। भारतीय खेमा शायद निर्णायक मैच से पहले विरोधी टीम को किसी तरह का मनोवैज्ञानिक लाभ नहीं देना चाहता है। संभवत: यही वजह थी कि कोहली, जिनका खेलना संदिग्ध है, मैच से पहले के अनिवार्य संवाददाता सम्मेलन में आये। कोहली से पूछा गया कि वह नेट्स पर कैसा महसूस कर रहे थे, उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रतियोगिता से काफी भिन्न है यह एक बात है। रांची में मैंने अनुभव किया है कि अगर आप कुछ प्रतिक्रियात्मक मूवमेंट करते हो तो फिर आपकी चोट का असली रूप सामने आता है।’’
इसके साथ ही मोहम्मद शमी और श्रेयस अय्यर को टीम के साथ जोड़ा गया है ये दोनों खिलाड़ी अंतिम ग्यारह में जगह बना सकते हैं.