(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
India vs Australia: पहले टेस्ट मुकाबले में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 31 रनों से हराया, 15 साल बाद एडिलेड में मिली जीत
India vs Australia 1st Test: चार टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 31 रन हराते हुए 10 साल बाद ऑस्ट्रेलिया में जीत दर्ज की है.
चार टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 31 रनों से हरा दिया. इस जीत के साथ ही भारत ने सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है. भारतीय टीम को 10 साल बाद ऑस्ट्रेलिया की धरती पर टेस्ट मैच में जीत नसीब हुई है जबकि एडिलेड में भारत ने 15 साल बाद जीत का स्वाद चखा है.
भारत की यह ऑस्ट्रेलिया में कुल छठी जबकि एडिलेड ओवल में दूसरी जीत है. इस मैदान पर भारतीय टीम ने इससे पहले 2003 में जीत दर्ज की थी. भारत ने दस साल बाद ऑस्ट्रेलिया को उसकी सरजमीं पर हराया.
दूसरी पारी में भारत के द्वारा मिले 323 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलिया टीम आखिरी दिन के दूसरे सेशन तक 291 रन बनाकर ऑलआउट हो गई. ऑस्ट्रेलिया का स्कोर एक समय चार विकेट पर 84 रन था और भारत की जीत चौथे दिन ही तय लग रही थी लेकिन निचले क्रम के बल्लेबाजों के बीच हुई छोटी-छोटी साझेदारियों ने भारत की जीत के इंतजार को बढ़ा दिया.
इससे पहले भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला करते हुए चेतेश्वर पुजारा की दमदार शतक से पहली पारी में 250 रन बनाए थे. पहली पारी में भारत के लिए पुजारा ने 123 रन बनाए थे. पुजारा के अलावा और कोई भी बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल पाए थे.
हालांकि भारतीय गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 235 रनों पर समेटकर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाने का काम किया. इस तरह पहली पारी में भारत को 15 रनों की उपयोगी बढ़त हासिल हुई थी.
15 रनों के बढ़त के साथ दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम को ओपनर बल्लेबाज केएल राहुल और मुरली विजय ने एक सधी हुई शुरूआत की लेकिन विजय राहुल का अधिक देर तक साथ नहीं निभा सके और 18 रन बनाकर आउट हो गए.
पहली पारी में महज दो रन पर आउट होने वाले राहुल ने दूसरी पारी में संभलकर बल्लेबाजी करते हुए 44 रनों की पारी खेली. वहीं दूसरे छोड़ पर एक बार फिर से चेतेश्वर पुजारा ने भारत के लिए मोर्चा संभाला और 71 रन बनाकर भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया.
पुजारा के बाद अजिंक्य रहाणे ने भारतीय पारी को संभालते हुए 70 रन बनाए जबकि दूसरे छोर पर ऋषभ पंत ने एक बार फिर से तेजी से रन बनाने की कोशिश में 28 रन पर कैच आउट हो गए. हालांकि विकेटकीपिंग के मामले में पंत के लिये भी यह टेस्ट खास रहा. उन्होंने मैच में कुल 11 कैच लेकर इंग्लैंड के जैक रसेल और साउथ अफ्रीका के एबी डिविलियर्स के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की. इस मैच में कुल 35 कैच लिये गये जो कि विश्व रिकॉर्ड है.
ऑस्ट्रेलिया ने मैच के पांचवें दिन सुबह चार विकेट पर 104 रन से पारी आगे बढ़ायी लेकिन ट्रेविस हेड (14) और शान मार्श (60) की साझेदारी केवल 7.4 ओवर तक चली. भारत ने पुरानी कूकाबुरा गेंद से सफलता हासिल करने में देर नहीं लगायी.
हेड सुबह आउट होने वाले पहले बल्लेबाज थे. इशांत के सटीक बाउंसर का उनके पास कोई जवाब नहीं था. गेंद हेड के बल्ले से लगकर हवा में तैरती हुई गली में गयी जहां अजिंक्य रहाणे ने उसे कैच करने में कोई गलती नहीं की.
मार्श सहज होकर खेल रहे थे. उन्होंने 160 गेंदों पर अपना अर्द्धशतक पूरा किया जो चौथी पारी में उनका पहला पचासा भी है. यह कुल मिलाकर उनका दसवां टेस्ट अर्द्धशतक है.
बुमराह ने भारत को मार्श का विकेट दिलाया. यह महत्वपूर्ण मोड़ 73वें ओवर में आया जब बाहर की तरफ मूव करती गेंद मार्श के बल्ले का किनारा लेकर पंत के दस्तानों में समा गयी. बुमराह ने इसके बाद कप्तान टिम पेन (41) को गलत टाइमिंग से पुल शॉट खेलने की सजा दी. पंत ने दौड़ लगाकर हवा में लहराता कैच लिया जो उनका मैच में दसवां कैच था.
भारतीय पुछल्ले बल्लेबाजों से उलट ऑस्ट्रेलिया के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने गजब का धैर्य और जज्बा दिखाया और भारत को जीत के लिये संघर्ष कराया. ऑस्ट्रेलिया के आखिरी चार बल्लेबाजों ने 107 रन जोड़े जिसमें नाथन लियोन ने सर्वाधिक नाबाद 38 रन बनाये जबकि पैट कमिन्स (28) ने 121 गेंदों तक एक छोर संभाले रखा.
कमिन्स ने एक छोर संभाले रखने को तरजीह दी. उन्होंने पेन के साथ सातवें विकेट के लिये 31, मिचेल स्टार्क (28) के साथ आठवें विकेट के लिये 41 और फिर लियोन के साथ नौवें विकेट के लिये 31 रन की साझेदारियां की. कमिन्स को इस बीच दो बार डीआरएस से फायदा भी मिला.
पंत ने इस बीच शमी की गेंद पर स्टार्क का कैच लेकर विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की. कमिन्स की पारी का अंत आखिर में बुमराह ने किया. कप्तान विराट कोहली पहली स्लिप में कैच लेने के बाद बल्लियों उछलने लगे थे.
लियोन और जोश हेजलवुड (13) ने हालांकि जल्द ही भारतीयों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी. मैच रोमांचक मोड़ पर पहुंच रहा था लेकिन एक छोर से लगातार गेंदबाजी करने वाले अश्विन ने आखिर में हेजलवुड को ललचाकर कैच देने के लिये मजबूर किया.
इसके साथ ही भारतीय खिलाड़ी और प्रशंसक जीत के जश्न में डूब गये. कोहली साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच जीतने वाले पहले भारतीय कप्तान बन गये.
दूसरा टेस्ट मैच 14 दिसंबर से पर्थ में खेला जाएगा.