ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई भारतीय टीम मैनेजमेंट बीसीसीआई के सवालों के घेरे में आ गई है. बीसीसीआई ने पूरी तरह से यह स्पष्ट किया है कि जब टीम का चयन किया जा रहा था तो रविंद्र जडेजा टेस्ट सीरीज के लिये फिट थे और कंधे की उनकी चोट ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद उभरी है.


ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच से पहले भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने बताया कि जडेजा के कंधे की चोट ठीक होने में उम्मीद से अधिक समय लग गया है.


इससे पहले जडेजा को पर्थ टेस्ट के लिये 13 सदस्यीय टीम में शामिल किया गया था लेकिन वह नहीं खेले. बीसीसीआई के अनुसार नेट प्रैक्टिस के दौरान गेंदबाजी करते समय में जडेजा अपना शत प्रतिशत नहीं दे पा रहे थे.


इससे टीम के फिटनेस मैनेजमेंट पर भी सवालिया निशान लग गया है क्योंकि ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन भी चोट के कारण पर्थ टेस्ट मैच में नहीं खेले थे. बोर्ड ने कहा कि जडेजा दौरे के लिये चुने जाने से पहले कंधे की परेशानी से उबर चुके थे और वह बुधवार से शुरू होने वाले बाक्सिंग डे टेस्ट मैच के लिये फिट हैं.


हालांकि बीसीसीआई ने सफाई देते हुए कहा, ‘‘जडेजा के बायें कंधे में लगातार सुधार हो रहा है और वह मेलबर्न में सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच के लिये उपलब्ध रहेंगे.’’


तमाम तरह के संदेहों को दूर करने की कवायद में बीसीसीआई ने जडेजा से जुड़ी पिछली तमाम घटनाओं का भी उल्लेख किया है.


बोर्ड ने कहा, ‘‘जडेजा ने वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज के दौरान बायें कंधे में परेशानी की शिकायत की थी. उन्हें इसके लिये दो नवंबर को इंजेक्शन दिये गये थे. इससे जडेजा को आराम मिला और वह से 12 से 15 नवंबर के बीच सौराष्ट्र की तरफ से रणजी मैच में खेले और उन्होंने बिना किसी परेशानी के 64 ओवर किये. इसके बाद उन्हें फिट घोषित कर दिया गया और उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिये चुना गया.’’


ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद 30 नवंबर को सिडनी में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया एकादश के खिलाफ मैच के दौरान उनकी चोट उबर आयी थी. उस दिन उन्हें फिर से इंजेक्शन दिया गया था. इसके बाद उनकी स्थिति में सुधार आने लगा था.