24 फरवरी से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरु हो रही सीरीज़ के लिए भारतीय टीम का एलान कर दिया है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने आज दो टी20 और पांचों वनडे के लिए टीम का एलान कर दिया है. इसके साथ ही बीसीसीआई और चयनसमिति ने ये साफ संदेश दे दिया है कि अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चुनी गई टीम में से ही विश्वकप टीम मे खेलने वाले खिलाड़ियों का रास्ता साफ होगा.


लेकिन इस टीम के एलान के साथ ही जो करोड़ों भारतीय फैंस के लिए निराश करने वाली खबर है वो यही है कि अब भारतीय टीम के बड़े स्टार रहे युवराज सिंह अब देश के लिए विश्वकप खेलते नज़र नहीं आएंगे. इतना ही नहीं उनके अलावा सुरेश रैना, अजिंक्ये रहाणे, आर अश्विन और रविन्द्र जडेजा के लिए विश्वकप 2019 में खेलने का सपना, सपना ही रह जाएगा.


ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 24 फरवरी से शुरु हो रही सीरीज़ विश्वकप के प्रेक्टिस सेशन के रूप में देखी जा रही है. ऐसा भी माना जा रहा है कि इस टीम के लिए चुने गए खिलाड़ी ही मई महीने से शुरु हो रहे विश्वकप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. लेकिन निराश करने वाली बात यही है कि भारत की विश्वविजेता और पुरानी विश्वकप टीमों का हिस्सा रहे ये स्टार्स अब शायद फिर भारत की जर्सी में ना दिखें.


आइये एक नज़र में इन आंकड़ों के साथ जानें कि आखिर हम ऐसा क्यों कह रहे हैं.


युवराज सिंह: टीम इंडिया का ये विश्वकप हीरो लंबे समय से फॉर्म से जूझ रहा है. इन्होंने साल 2017 में चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद वेस्टइंडीज़ दौरे पर टीम इंडिया का साथ दिया था. लेकिन इसके बाद ही युवी की टीम से छुट्टी कर दी गई और आईपीएल में भी उनकी खरीद के लाले पड़ गए.


युवराज की फॉर्म बेहद खराब है, उन्होंने पिछले 10 डॉमेस्टिक मुकाबलों में भी सिर्फ 274 रन बनाए हैं. अब उनकी फिटनेस भी उस काबिल नहीं दिखती कि वो फिर से भारत के लिए खेल सकें.


सुरेश रैना: एमएस धोनी की कप्तानी के वक्त टीम इंडिया के मिडिल ऑर्डर की जान माने जाने वाले सुरेश रैना को अब टीम इंडिया में मौका ही नहीं मिल पा रहा है. साल 2015 के बाद सिर्फ एक बार इंग्लैंड के खिलाफ 2018 में टीम में वापसी करने वाले रैना इस सीरीज़ के बार फिर भुला दिए गए.


दरअसल इस दौरान ना तो उनका प्रदर्शन इस काबिल रहा कि उन्हें फिर से मौका दिया जाए और ना ही वो डॉमेस्टिक क्रिकेट में ऐसा कमाल कर सके जिससे उनके टीम इंडिया या विश्वकप की टीम में वापसी के रास्ते खुलें.


उन्होंने पिछली 10 डॉमेस्टिक पारियों में चार अर्धशतक तो जमाए लेकिन वो पारियां बड़ी नहीं रही और ना ही इस प्रकार की दिखी जिससे उनके लिए वापसी की राह आसाम हो. 







अजिंक्ये रहाणे: भारतीय टेस्ट टीम के उप-कप्तान अजिंक्ये रहाणे के करियर का एक समय ऐसा था जब वो भारतीय टीम में ओपनिंह से लेकर तीन,चार या पांच किसी भी क्रम पर बल्लेबाज़ी कर लेते थे. लेकिन साल 2018 में दक्षिण अफ्रिका के खिलाफ सीरीज़ के बाद उन्हें वनडे टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. दरअसल इसके पीछे की वजह कम रन नहीं, बल्कि कम गति से रन बनाना रही.


मॉर्डन डे क्रिकेट में वनडे क्रिकेट को भी टी20 अंदाज़ में खेला जाता है. ऐसे में रहाणे टीम इंडिया में फिट नहीं बैठे. अब एक बार फिर से ये आवाज़ उठी थी कि रहाणे को इंग्लैंड की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विश्वकप टीम में खिलाया जा सकता है. लेकिन अब उनकी वापसी बेहद मुश्किल नज़र आती है.


रविन्द्र जडेजा: रविन्द्र जडेजा लंबे समय से टीम में अंदर-बाहर की स्थिती में हैं. टीम में आकर उन्होंने अपनी गेंदबाज़ी और फील्डिंग से ये साबित भी किया कि अब भी उनमें बहुत क्रिकेट बाकी है. लेकिन विश्वकप को ध्यान में रखकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जिस टीम का एलान किया. उस 15 में वो फिट नहीं बैठते. क्योंकि इसके लिए उनसे कई बेहतर और युवा खिलाड़ी टीम में मौजूद हैं.


आर अश्विन: 2015 विश्वकप में भारतीय टीम के प्रमुख स्पिन गेंदबाज़ रहे आर अश्विन के लिए शॉर्टर फॉर्मेट मानो मुसीबत बन गया हो. एक समय पर अश्विन और जडेजा टीम इंडिया के प्रमुख फिरकी गेंदबाज़ थे. लेकिन अब कुलदीप यादव और युजवेन्द्र चहल की शानदार गेंदबाज़ी के आगे ये दोनों ही खिलाड़ी टीम से बाहर हो गए.


अश्विन ने भी आखिरी बार नीली जर्सी में टीम का प्रतिनिधित्व 2017 में जून के महीने में चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद ही किया था.