71 साल पुराना इतिहास बदलते हुए टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में हराकर सीरीज़ पर 2-1 से अपना कब्ज़ा जमा लिया है. 1947/48 से शुरु हुई इस सीरीज़ में पहली बार भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में मात दी है. जबकि कुल 9वीं बार भारत ये सीरीज़ जीतने में कामयाब रहा है.
सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेला गया चार मैचों की टेस्ट सीरीज़ का आखिरी मैच बारिश की वजह से ड्रॉ पर खत्म हुआ. इस मुकाबले में भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 622 रन बनाए. जिसके जवाब में मेज़बान टीम फॉलो-ऑन भी नहीं बचा सकी और उनकी पहली पारी 300 रनों पर चौथे दिन सिमट गई. इसके बाद कप्तान विराट कोहली ने उन्हें फिर से बल्लेबाज़ी के लिए बुलाया. ऐसा 30 सालों में पहली बार हुआ कि किसी टीम ने ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में फॉलो-ऑन दिया हो.
इसके बाद चौथे दिन भारतीय गेंदबाज़ सिर्फ चार ओवर ही गेंदबाज़ी कर सके और ऑस्ट्रेलिया ने बिना विकेट खोए 6 रन बनाए थे कि बारिश और खराब रौशनी की वजह से चौथे दिन का खेल खत्म करना पड़ा. इसके बाद उम्मीद थी कि भारत मैच के आखिरी दिन मेज़बान टीम के 10 विकेट चटकाएगा और मैच अपने नाम कर लेगा. लेकिन बारिश की वजह से सीरीज़ के आखिरी टेस्ट के आखिरी दिन एक गेंद का खेल भी नहीं हो सका.
जिसके बाद आखिरी निरिक्षण के बाद अंपायर्स और मैच रेफरी ने मुकाबले को ड्रॉ पर खत्म करने का फैसला कर दिया.
प्लेयर ऑफ द सीरीज़:
पूरी सीरीज़ में शानदार बल्लेबाजी के साथ 521 रन बनाने के लिए चेतेश्वर पुजारा को प्लेयर ऑफ द सीरीज़ का पुरस्कार दिया गया. उन्होंने चार मैचों की इस सीरीज़ में 3 शतक और एक अर्धशतक के साथ 74.42 के औसत से इस सीरीज़ में सबसे अधिक 521 रन बनाए.
सीरीज़ का लेखाजोखा:
पहला टेस्ट: टीम इंडिया ने एडिलेड में खेले गए सीरीज़ के पहले टेस्ट को 31 रनों से जीतकर 1-0 की बढ़त बनाई थी.
दूसरा टेस्ट: इसके बाद पर्थ में खेले गए दूसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने बाज़ी पलटी और 146 रनों से जीत के साथ सीरीज़ में 1-1 की बराबरी पर आ खड़ी हुई.
तीसरा टेस्ट: लेकिन इसके बाद मेलबर्न टेस्ट से तो सीरीज़ का रुख ही बदल गया. भारत ने इस मैच को शानदार तरीके से 137 रनों से जीता और सीरीज़ जीत की उम्मीदों को पुख्ता कर दिया.