भारत को 22 नवम्बर से कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम में बांग्लादेश के साथ अपना पहला दिन-रात का टेस्ट मैच खेलना है और इस मैच में एसजी पिंक बॉल का उपयोग होना है. इसे देखते हुए बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कप्तानी से कहा है कि वह अगले 10 दिनों में ज्यादा संख्या में पिंक बॉल तैयार कर ले.

मंगलवार को ही बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने भारत के साथ कोलकाता में पहले दिन-रात के टेस्ट मैच को हरी झंडी दी और इसी दिन बोर्ड अधिकारियों ने एसजी कम्पनी के अधिकारियों से बात कर उन्हें अतिशीघ्र पर्याप्त संख्या में पिंक बॉल तैयार करने को कहा, जिससे कि दोनों टीमों को अभ्यास करने में कोई दिक्कत ना हो.

एक सूत्र ने कहा, "हां, अध्यक्ष ने एक टीम बनाई है, जो एसजी कम्पनी के साथ तालमेल बनाए रखेगी. अध्यक्ष चाहते हैं कि अगले 10 दिनों में पर्याप्त संख्या में पिंक बॉल तैयार हो जाए, जिससे कि दोनों टीमों को अभ्यास करने में कोई दिक्कत ना हो."

बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि असल चैलेंज को अंपायरों को सब्सीट्यूट बॉल देने की होगी.

अधिकारी ने कहा, "अगर बीसीसीआई जीएम (क्रिकेट आपरेशंस) सबा करीम ने घरेलू मैचों में पिंक बॉल के उपयोग पर बल दिया होता तो फिर आज हमें सब्सीट्यूट बॉल्स की कमी नहीं होती. हम रणजी ट्रॉफी, ईरानी ट्रॉफी जैसे आयोजनों में पिंक बॉल का इस्तेमाल कर सकते थे. इस सम्बंध में गांगुली ने काफी पहले प्रयास किया था लेकिन इसके बाद कोई विकास नहीं हुआ और आज हम दोराहे पर खड़े हैं."

उल्लेखनीय है कि गांगुली ने हमेशा से पिंक बॉल क्रिकेट की वकालत की है. वह 2016-17 में जब तकनीकी समिति के सदस्य थे, तब उन्होंने घरेलू क्रिकेट में भी पिंक बॉल के उपयोग की सिफारिश की थी. गांगुली ने उसी समय दिन-रात के मैच की वकालत की थी.

गांगुली का मत है कि दिन-रात के टेस्ट मैच से टेस्ट क्रिकेट को अधिक से अधिक दर्शक मिल सकेंगे. अभी दक्षिण अफ्रीका के साथ रांची में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच के बाद भारतीय कप्तान कोहली ने दर्शकों की कम संख्या को लेकर नाराजगी जाहिर की थी. कोहली ने इसके बाद भारत में पांच टेस्ट सेंटर बनाए जाने की बात कही थी.

बांग्लादेशी टीम बुधवार को भारत पहुंच रही है. वह भारत के साथ तीन टी-20 और दो टेस्ट मैच खेलेगी.