India vs England: कप्तान विराट कोहली के नेतृत्व वाली टीम इंडिया बुधवार से इंग्लैंड के खिलाफ यहां मोटेरा के सरदार पटेल स्टेडियम में होने वाले तीसरे टेस्ट मैच में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में पहुंचने के दावे को मजबूत करने उतरेगी. भारत और इंग्लैंड के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला डे-नाईट होगा और इसे गुलाबी गेंद से खेला जाएगा. इंग्लैंड ने भारत को चेन्नई में खेले गए पहले टेस्ट में हराया था जबकि टीम इंडिया ने इंग्लैंड को दूसरे टेस्ट में मात देकर सीरीज 1-1 से बराबर कर ली थी.


मोटेरा का स्टेडियम नए तरीके से तैयार किया गया है और यहां की नई पिच भारतीय टीम के लिए पूरी तरह नई है. अभी तक भारतीय टीम ने गुलाबी गेंद से सिर्फ दो टेस्ट मैच खेले हैं. पिछले साल दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में खेला गया पहला टेस्ट गुलाबी गेंद से खेला गया था, जहां टीम इंडिया को करारी हार का सामना करना पड़ा था। भारतीय टीम दूसरी पारी में महज 36 रन पर सिमट गई थी जो उसके टेस्ट इतिहास का सबसे न्यूनतम स्कोर है.


इंग्लैंड ने गुलाबी गेंद से आखिरी टेस्ट मार्च 2018 में न्यूजीलैंड के खिलाफ ऑकलैंड में खेला था. भारत ने पहला डे-नाईट टेस्ट नवंबर 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ खेला था. ऐसी संभावना है कि भारत तीसरे टेस्ट के लिए टीम में तीन स्पिनर को खेलाने की रणनीति में बदलाव कर सकता है. चेन्नई में खेले गए पहले दो टेस्ट में भारतीय टीम ने तीन स्पिनर खेलाए थे.


अबतक खेले गए डे-नाईट टेस्ट में ज्यादातर विकेट तेज गेंदबाजों ने झटके हैं. भारत के पहले डे-नाईट टेस्ट में बांग्लादेश के खिलाफ रवींद्र जडेजा ने दो और रविचंद्रन अश्विन ने महज पांच ओवर गेंदबाजी की थी.


तेज गेंदबाज उमेश यादव ने भारत के पहले डे-नाईट टेस्ट में आठ विकेट लिए थे. भारत के लिए राहत की बात है कि उमेश ने फिटनेस टेस्ट पास कर लिया है और वह अगले दो टेस्टों के लिए टीम में शामिल होने के लिए फिट घोषित किए गए हैं. इस बीच इशांत शर्मा भी अपने 100वें टेस्ट के लिए तैयार हैं.


हालांकि टीम के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा के अनुसार पिच स्पिनरों के लिए मददगार है और दूसरे टेस्ट की तुलना में इस पिच में कोई परिवर्तन नहीं है. इंग्लैंड तीसरे टेस्ट के लिए जेम्स एंडरसन और जोफ्रा आर्चर को टीम में शामिल कर सकता है. यह दोनों तेज गेंदबाज दूसरे टेस्ट में शामिल नहीं थे. एंडरसन को इंग्लैंड की रोटेशन पॉलिसी के कारण टीम से बाहर रखा गया था जबकि आर्चर चोटिल होने के कारण इस मुकाबले में नहीं खेल सके थे.


इंग्लैंड के बल्लेबाजी क्रम की जिम्मेदारी एक बार फिर कप्तान जोए रूट और बेन स्टोक्स के कंधे पर होगी. हालांकि टीम में जॉनी बेयरस्टो के लौटने से इंग्लिश टीम का बल्लेबाजी क्रम थोड़ा मजबूत होने के उम्मीद है.


भारतीय टीम किसी भी तरह का जोखिम नहीं लेकर हार से बचना चाहेगी. टीम इंडिया के अगले दो टेस्ट में से किसी एक में भी हार उसकी डब्ल्यूटीसी के फाइनल की राहें कठिन कर सकती है. भारत को फाइनल में पहुंचने के लिए अगले दो टेस्ट में जीत और सीरीज पर कब्जा करने की जरुरत है.