राजकोट: चेतेश्वर पुजारा ने अपने घरेलू शहर में आकषर्क शतक जमाया जबकि मुरली विजय ने अटैक और डीफेंस से भरी शतकीय पारी खेली जिससे भारत ने पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के तीसरे दिन चार विकेट खोकर 319 रन बना लिए हैं. भारत ने आखिरी क्षणों में चार गेंद के अंदर दो विकेट गंवाएं. इग्लैंड ने पहली पारी में 537 रन बनाए थे.



 



तीसरे दिन के खेल का आकषर्ण पुजारा (124) और विजय (126) के शतक रहे. इन दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 209 रन जोड़कर इंग्लैंड को सुबह दूसरे ओवर में गौतम गंभीर (29) के रूप में मिली सफलता का फायदा नहीं उठाने दिया. भारत अभी इंग्लैंड से 218 रन पीछे है. पुजारा ने तीसरे सेशन में आउट होने से पहले अपनी पारी में 206 गेंदें खेली तथा 17 चौके लगाए जबकि विजय दिन का खेल समाप्त होने से कुछ देर पहले पवेलियन लौटे. उनकी 301 गेंद की पारी में नौ चौके और चार छक्के शामिल हैं. इंग्लैंड ने दूसरे और तीसरे सेशन में अनुशासित और कसी हुई गेंदबाजी का अच्छा नजारा पेश किया और उसने दिन के आखिरी पलों में वापसी की अच्छी कोशिश की. भारत ने चार गेंद के अंदर विजय के अलावा नाइट वाचमैन अमित मिश्रा (शून्य) का भी विकेट गंवाया. 



 



पुजारा के आउट होने के बाद क्रीज पर उतरे कप्तान विराट कोहली को शुरू में रन बनाने के लिये जूझना पड़ा. स्टंप उखड़ने के समय वह 26 रन पर खेल रहे थे. भारत में पहली बार उपयोग में लायी जा रही निर्णय समीक्षा प्रणाली (DRS) के कारण जीवनदान पाने वाले पुजारा ने टी के तुरंत बाद दूसरी नई गेंद से किए गए पहले ओवर में ही क्रिस वोक्स पर एक रन लेकर टेस्ट मैचों में नौवां और इंग्लैंड के खिलाफ तीसरा शतक पूरा किया. स्टेडियम में पुजारा के नाम की गूंज थी और शतक पूरा होते ही दर्शक झूमने लगे जिनमें पुजारा के पिता और पत्नी भी शामिल थे. 



 



भारतीय क्रिकेट बोर्ड का इस सीरीज में DRS का उपयोग करने का पहला फायदा पुजारा को मिला. वह जब 86 रन पर थे तब जफर अंसारी (57 रन देकर एक विकेट) की गेंद पर अंपायर क्रिस गैफेनी ने उन्हें पगबाधा आउट दे दिया था. उन्होंने विजय के साथ मशविरा करने के बाद रेफरल लिया और ‘बॉल ट्रैकर’ से पता चला कि गेंद विकेट के उपर से निकल रही थी. पुजारा के अलावा विजय का भी भाग्य ने साथ दिया. वह जब 66 रन पर थे तब ब्रॉड की गेंद पर कवर पर खड़े हसीब हमीद उनका कैच नहीं ले पाये थे. इसके बाद तीसरे सेशन के पहले ओवर में जब वह 86 रन पर थे तब इंग्लैंड ने मोईन अली की गेंद पर उनके खिलाफ रेफरल लिया था. पुजारा की तुलना में विजय धीमा खेले लेकिन उन्होंने मौका मिलने पर कुछ लंबे शॉट भी लगाये. पहले सेशन में जब मोईन की जगह बायें हाथ के स्पिनर जफर अंसारी ने गेंद सभाली तो विजय ने लांग ऑन पर छक्का जड़कर उनका स्वागत किया. उन्होंने अंसारी और मोईन दोनों पर दो-दो छक्के लगाये. यह साझेदारी आखिर में बेन स्टोक्स (39 रन देकर एक विकेट) ने तोड़ी जिन्हें इससे पहले पुजारा ने अपने खास निशाने पर रखा था. 



 



स्टोक्स बाद में इसका बदला चुकता करने में सफल रहे. एलिस्टेयर कुक ने नई गेंद से ब्रॉड और वोक्स के अलावा स्पिनरों को आजमाने के बाद स्टोक्स को गेंद सौंपी. उनकी पहली गेंद ही शॉर्ट पिच थी जिसे पुजारा ने स्लिप में खड़े कुक की तरफ खेल दिया जिन्होंने कैच लेने में गलती नहीं की.



 



सुबह गंभीर का विकेट दूसरे ओवर में ही गंवाने के बाद पुजारा और गंभीर ने पहले सेशन में 94 और दूसरे सेशन में 68 रन जोड़े. दोनों ने ही पूरे आत्मविश्वास के साथ बल्लेबाजी की. भारत ने सुबह बिना किसी नुकसान के 63 रन से आगे खेलना शुरू किया था. विजय और गंभीर ने कल शाम अच्छी बल्लेबाजी की और अर्धशतकीय साझेदारी निभायी थी. गंभीर हालांकि आज अपने कल के स्कोर में केवल एक रन जोड़कर दिन की सातवीं गेंद पर पवेलियन लौट गये. लगभग दो साल तक बाहर रहने के बाद वापसी करने वाले बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने स्टुअर्ट ब्रॉड की आज की पहली फुललेंथ गेंद को लेग साइड में मोड़ना चाहा लेकिन गेंद उनके बल्ले पर नहीं आयी और पगबाधा की जोरदार अपील पर अंपायर की उंगली उठ गयी. तब भारत का स्कोर 68 रन था. 



 



विजय और नए बल्लेबाज पुजारा ने इसके बाद इंग्लैंड के भारत में तीसरे सबसे बड़े स्कोर का करारा जवाब देने का बीड़ा बखूबी उठाया. सौराष्ट्र की तरफ से रणजी ट्रॉफी में इसी मैदान पर तिहरा शतक जड़ने वाले पुजारा पहली गेंद से ही आत्मविश्वास से भरे हुए दिख रहे थे. उन्होंने ब्रॉड पर बेहतरीन टाइमिंग से खूबसूरत चौका लगाया. इसके बाद उन्होंने रन बनाने की मुख्य जिम्मेदारी तथा अपने ड्राइव, कट और पुल का शानदार नजारा पेश किया.