नई दिल्ली/मुंबई: भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही 5 टेस्ट मैचों की सीरीज़ में 2-0 से आगे चल रही भारतीय टीम की नज़र अब चौथे मुंबई टेस्ट में सीरीज़ जीत की होगी. मोहाली टेस्ट जीत के बाद टीम इंडिया का आत्मविश्वास और भी बढ़ गया है जबकि अब वो सीरीज़ पर कब्ज़ा जमाने के इरादे से उतरेंगे. लेकिन मुंबई का किला फतेह करना विराट एंड कंपनी के लिए आसान नहीं होने वाला. 



 



जी हां मुंबई के वानखेडे स्टेडियम में भारतीय टीम ने 24 टेस्ट मुकाबले खेले हैं जिसमें उन्हें 10 टेस्ट मैचों में जीत भी मिली है. लेकिन आखिरी बार इंग्लैंड से हुई इस मैदान पर टक्कर में मेहमान टीम भारतीय टीम पर इक्कीस साबित हुई थी और टीम इंडिया को 10 विकेटों से करारी शिकस्त दे डाली थी. साल 2012 के भारत दौरे पर आई इंग्लैंड की टीम ने सीरीज़ का दूसरा टेस्ट मुंबई के इसी वानखेडे मैदान पर खेला था. यहां पर कप्तान धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला किया और भारतीय टीम ने टॉस जीतकर चेतेश्वर पुजारा के शतक की मदद से 327 रन बना डाले. जवाब में इंग्लैंड की टीम ने कुक और केविन पीटरसन के शतकों की मदद से विशाल 413 रन बनाकर अहम बढ़त हासिल कर ली. 





जिसके बाद दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाज़ धराशायी हो गए और महज़ 142 रन बनाकर भारतीय पारी सिमट गई. जिसके बाद इंग्लैंड की टीम ने आसानी से 58 रनों का लक्ष्य हासिल कर मुकाबला 10 विकेट से अपने नाम कर लिया. हालांकि उस मैच में इंग्लैंड के लिए स्पिनर मोंटी पनेसर और ग्रेम स्वान ने मैच जिताऊ गेंदबाज़ी कर भारतीय बल्लेबाज़ों को पस्त कर दिया था और इस बार स्वान और पनेसर दोनों ही टीम के साथ नहीं है लेकिन आदिल रशीद इस सीरीज़ में पहले 3 मैचों के बाद सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं जो कि भारतीय टीम के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकते हैं.



 



इस लिहाज़ से हम ये कह सकते हैं कि वानखेडे मैदान पर इंग्लैंड को हलके में लेना भारतीय टीम के लिए बड़ी भूल साबित हो सकती है. इंग्लैंड ने इस मैदान पर 7 मैच खेले हैं जिसमें उसे 3 में जीत और 3 में हार का सामना करना पड़ा है.