लक्ष्मण ने कहा, ‘‘धोनी को पंड्या से पहले बल्लेबाजी के लिए आना चाहिए था. यह रणनीतिक चूक थी. धोनी को दिनेश कार्तिक से पहले भेजा जाना चाहिए था. विश्व कप 2011 के फाइनल में भी वह खुद युवराज सिंह से ऊपर चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए थे और विश्व कप जीतने में सफल रहे. ’’
पूर्व कप्तान गांगुली ने कहा कि केवल धोनी की बल्लेबाजी ही नहीं बल्कि दूसरे छोर से युवा बल्लेबाजों पर उनकी शांतचितता का भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता. ऋषभ पंत ने अपना विकेट इनाम में दिया जिससे कप्तान विराट कोहली भी बेहद खफा थे और उन्हें कोच रवि शास्त्री के साथ बात करते देखा गया.
गांगुली ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, ‘‘भारत को उस समय अनुभव की जरूरत थी. जब पंत बल्लेबाजी कर रहा था अगर तब धोनी होता तो वह पंत को वह शॉट नहीं खेलने देता. धोनी को ऊपरी क्रम में खेलना चाहिए था. आपको तब केवल बल्लेबाजी ही नहीं संयम की भी जरूरत पड़ती है. वह विकेटों का पतझड़ नहीं लगने देता. जब जडेजा खेल रहा था तो धोनी वहां था. संवाद मजबूती प्रदान करता है. धोनी को सातवें नंबर पर नहीं उतारा जा सकता था.’’
दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भी स्वीकार किया कि कप्तान विराट कोहली ने धोनी को ऊपरी क्रम में उतारकर गलती की. उन्होंने कहा, ‘‘यहां सवाल उठ सकता है कि इस तरह की विषम परिस्थिति में क्या आप धोनी को उनके अनुभव को देखकर ऊपरी क्रम में नहीं भेजा जाना चाहिए था. पारी के आखिर में वह जडेजा को समझाते रहे और उन्होंने चीजों पर नियंत्रण रखा. ’’