वेस्टइंडीज के खिलाफ राजकोट में खेले गए पहले टेस्ट में भारत को सबसे बड़ी जीत दिलाने में चाइनमैन कुलदीप यादव का भी अहम योगदान रहा. कुलदीप ने अपने चौथे ही टेस्ट में पांच विकेट लेकर नया रिकॉर्ड बनाया. कुलदीप क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में पांच विकेट लेने वाले दुनिया सातवें और भुवनेश्वर कुमार के बाद भारत के दूसरे गेंदबाज बने.


कुलदीप ने वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में 57 रन देकर पांच विकेट झटके जिसके बाद वो एक साल में तीनों फॉर्मेट में पांच विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज बन गए. हालाकि कुलदीप के लिए इंग्लैंड का दौरा बेहद खराब रहा था जहां उन्हें सिर्फ एक टेस्ट में मौका मिला था. लॉर्ड्स टेस्ट में कुलदीप एक भी विकेट नहीं ले पाए लेकिन उनकी इस गेंदबाजी के पीछे लॉर्ड्स की ही असफलता है.


लॉर्ड्स में असफल होने के बाद कुलदीप ने लाल गेंद से जमकर अभ्यास किया. कुलदीप दौरे से वापस आने के बाद अपने निजी कोच की देखरेख में अभ्यास के दौरान लाल गेंद से लंबा स्पैल डाला. इसके बाद वह ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ दो मैचों की घरेलू सीरीज में खेले और फिर एशिया कप (एकदिवसीय) के लिए रवाना हो गए थे.


भारत के लिए टेस्ट में पांच विकेट लेने वाले पहले चाइनामैन गेंदबाज बने कुलदीप ने कहा, ‘‘इंग्लैंड से आने के बाद अपने घर जाकर कोच से मिला, उनके साथ तीन-चार दिन तक लाल गेंद से अभ्यास किया. यह मुश्किल था क्योंकि सफेद गेंद (एकदिवसीय) से खेलने के बाद लाल गेंद से लय खो देते हैं. मैं गेंद को धीमा फेंकने पर ध्यान दे रहा था क्योंकि सफेद गेंद से आप तेज गेंद फेंकते हैं.’’


इस अतिरिक्त अभ्यास से कुलदीप को फायदा हुआ जिससे उन्होंने ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ दूसरे चारदिवसीय टेस्ट मैच में आठ विकेट लिए.


इंग्लैंड में हालांकि उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले लेकिन वहां की गलती के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘इंग्लैंड में मैं गुड लेंथ पर गेंद करने के बारे में सोच रहा था लेकिन उस समय मुझे ड्यूक की लाल गेंद से गेंदबाजी का अभ्यास नहीं था. ड्यूक गेंद एसजी गेंद से ज्यादा ठोस होती है इसलिए उससे अभ्यस्त होने के लिए आपको कम से कम 10-15 दिन का समय चाहिये होता है.’’