इंग्लैंड के खिलाफ मुश्किल टेस्ट सीरीज़ की हार को भुलाकर आज से भारतीय टीम अपनी अगली चुनौती के लिए तैयार है. आज से राजकोट के सौराष्ट्र क्रिकेट संघ स्टेडियम में भारत और वेस्टइंडीज़ के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज़ का पहला मुकाबला खेला जाएगा.


एशिया कप में छुट्टी बिताकर एक बार फिर से टीम की कमाल संभालने लौट रहे विराट कोहली इस सीरीज़ के जरिए टीम का खोया विश्वास हासिल करने की कोशिश करेंगे. साथ ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अगले दौरे की तैयारी में भी जुट जाएंगे.


आठवीं रैंकिंग की वेस्टइंडीज़ के पास इस दौरे पर खोने के लिए कुछ नहीं है. लेकिन वेस्टइंडीज़ के कप्तान जेसन होल्डर चाहेंगे कि उनके खिलाड़ी इस दौरे सकुछ नई चीज़ें सीखें और इस दौरे को एक पॉज़ीटिव नोट पर एंड करें.


टीम इंडिया ने किया प्लेइंग इलेवन का एलान:
भारत ने इस मैच के लिए 12 सदस्यीय टीम का ऐलान कर दिया है जिसमें युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को सलामी बल्लेबाजी की जिम्मेदारी दी गई है. वह लोकेश राहुल के साथ पारी की शुरुआत करने आएंगे. मंयक अग्रवाल अंतिम-11 में जगह नहीं बना पाए हैं.


भारत के इतिहास में पहली बार टेस्ट मैच के लिए एक दिन पहले ही 12 खिलाड़ियों के नाम का एलान किया गया है.


तीन स्पिनर्स पर दांव खेलेंगे कप्तान कोहली:
वहीं अगर टीम प्रबंधन तीन स्पिनरों के साथ जाता है तो ठाकुर बाहर बैठ सकते हैं और रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव मैदान पर उतर सकते हैं.


युवा पृथ्वी शॉ पर है देश की नज़र:
इस मैच में सभी की नजरें देश को अंडर-19 विश्व कप का खिताब दिलाने वाले बल्लेबाज शॉ पर होंगी. उन्होंने लगातार घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है और टीम के भविष्य के रूप में उन्हें देखा जा रहा है.


मिडिल ऑर्डर के पास प्रेक्टिस का सुनहरा मौका:
तीसरे नंबर पर चेतेश्वर पुजारा और उनके बाद कोहली का आना तय है. अजिंक्य रहाणे के जिम्मे भी अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव होगा. हाल ही में इंग्लैंड दौरे में रहाणे अपनी चमक नहीं बिखेर पाए थे और इसलिए यह सीरीज उनके लिए फॉर्म में वापस लौटने का बेहतरीन मौका है, ताकि आस्ट्रेलिया दौरे के लिए वह अपनी दावेदारी को मजबूत कर सकें.


इस बार रिषभ पंत को भुनाना होगा मौका:
शॉ के अलावा इस मैच में विकेटकीपर-बल्लेबाज रिषभ पंत पर भी सभी की नजरें होंगी. पंत को इंग्लैंड में मौके दिए गए थे. वह हालांकि औसत प्रदर्शन ही कर पाए थे.


हार्दिक की खलेगी कमी:
ऑल-राउंडर हार्दिक पांड्या टीम में तीसरे तेज गेंदबाज की भूमिका निभाते थे लेकिन वह इस समय चोटिल हैं. ऐसे में टीम प्रबंधन तीन तेज गेंदबाजों- उमेश यादव, मोहम्मद शमी और शार्दूल ठाकुर को अंतिम-11 में शामिल कर सकता है.


आंकड़ों में वेस्टइंडीज़:
वेस्टइंडीज भारत के खिलाफ 24 साल से कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीता है. जबकि पिछले 16 सालों में तो वो भारत के खिलाफ एक भी टेस्ट जीतने में नाकामयाब रहा है.


पिछले 16 सालों के दौरान भारत-वेस्टइंडीज़ के बीच कुल 19 टेस्ट खेले गए हैं. जिनमें से भारत ने 10 टेस्ट जीते हैं जबकि 9 टेस्ट ड्रॉ रहे हैं.


पहली सीरीज़ जीत में भारत को लगे थे 22 साल:
दोनों देशों के बीच साल 1948 से टेस्ट सीरीज़ की शुरुआत हुई. लेकिन उस दौर में वेस्टइंडीज़ की टीम का ऐसा जलवा था कि भारतीय टीम 22 सालों तक पांच पर लगातार सीरीज़ हारी जब जाकर 1970/71 में उन्हें पहली जीत नसीब हुई.


1948 से 2002 तक था वेस्टइंडीज़ का दबदबा:


1948 से शुरु हुई इस जंग में 2002 तक वेस्टइंडीज़ की टीम भारत के लिए कभी भी आसान प्रतिद्वंदी नहीं रहती थी. उन्होंने 2002 तक भारत के साथ कुल 16 टेस्ट सीरीज़ खेली और 12 पर अपना कब्ज़ा जमाया.


लेकिन 2002 के बाद ये आंकड़ा पूरी तरह से बदल गया. 


दोनों टीमें: 


भारत: विराट कोहली (कप्तान), अंजिक्य रहाणे (उप-कप्तान), लोकेश राहुल, पृथ्वी शॉ, चेतेश्वर पुजारा, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, कुलदीप यादव, रवींद्र जडेजा, मोहम्मद शमी, उमेश यादव, शार्दूल ठाकुर.


वेस्टइंडीज: जेसन होल्डर (कप्तान), सुनील अम्बीरस, देवेंद्र बिशू, क्रैग ब्रैथवेट, रोस्टन चेस, शॉन डॉवरिच, शेनन गैब्रिएल, जाहमर हेमिल्टन, शिमरोन हेटमायेर, शाई होप, शेमरन लुइस, कीमो पॉल, केरन पावेल, जोमेल वारिकन.