भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने युवा पृथ्वी शॉ की किसी और क्रिकेटर से तुलना नहीं करने की अपील की है. विराट का कहना है कि पृथ्वी को एक क्रिकेटर के रूप में विकसित होने के लिए पर्याप्त स्थान देने की जरूरत है.


पृथ्वी शॉ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ राजकोट में अपने डेब्यू मैच में ही 134 रन बनाये जिसके बाद उनकी सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग से तुलना की जाने लगी थी.


वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि उसको लेकर अभी किसी फैसले पर पहुंच जाना चाहिए. आपको इस युवा खिलाड़ी अपनी क्षमता के अनुसार आगे बढ़ने के लिये पर्याप्त स्थान देना चाहिए. वह बेहद प्रतिभाशाली है और जैसा हर किसी ने देखा कि वह कौशल से परिपूर्ण है.’’


उन्होंने कहा, ‘‘हम निश्चित तौर पर चाहते हैं कि उसने पहले मैच में जैसा प्रदर्शन किया उसे फिर से दोहराए. उसके अंदर सीखने की ललक है और वह तेजतर्रार है. वह परिस्थिति का अच्छी तरह से आकलन करता है. हम सभी उसके लिये खुश हैं.’’


कोहली ने ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर से भी सहमति जतायी जिन्होंने बुधवार को कहा था कि लोगों को पृथ्वी की तुलना वीरेंद्र सहवाग से नहीं करनी चाहिए.


कोहली ने कहा, ‘‘हमें अभी उसकी तुलना किसी से नहीं करनी चाहिए. हमें उसे ऐसी स्थिति में नहीं रखना चाहिए जहां वह किसी तरह का दबाव महसूस करे. उसे हमें वह स्थान देना चाहिए जहां वह अपने खेल का लुत्फ उठाये और धीरे धीरे ऐसे खिलाड़ी के रूप में तैयार हो जैसा हम सभी चाहते हैं.’’


आईपीएल, भारत ए के दौरों और अंडर-19 टूर्नामेंट के सीधे प्रसारण से युवा जल्द ही अपनी पहचान बना रहे हैं और कोहली ने स्वीकार किया कि अब वे दबाव सहने के लिये बेहतर तरीके से तैयार रहते हैं.


उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर यह एक कारण हो सकता है क्योंकि वे उस माहौल में खेल चुके होते हैं जिसमें की अंतरराष्ट्रीय मैच खेला जाता है. लेकिन देश की तरफ से खेलने का हमेशा दबाव होता है. जब आप सुबह यह कैप पहनते हो तो आप थोड़ा नर्वस रहते हो और मुझे लगता है कि हर कोई यह दबाव महसूस करता है.’’


कोहली ने कहा, ‘‘लेकिन यह दबाव 10-15 साल पहले जैसा नहीं है जब आपको इस तरह की क्रिकेट खेलने का कोई अनुभव नहीं रहता था और अचानक ही आपको भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करना होता था. ’’