वेस्टइंडीज के खिलाफ पांच वनडे मैचों की सीरीज के लिए कल हैदराबाद में भारतीय टीम का चयन किया जाएगा. भारतीय टीम में विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को मौका दिया जा सकता है. हलांकि टीम के मुख्य विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ही रहेंगे. पंत को धोनी के बैकअप के तौर पर टीम में शामिल किया जा सकता है.
भारतीय टीम अगले साल होने वाले वर्ल्डकप को ध्यान में रखते हुए यह फैसला ले सकती है ताकि वर्ल्डकप तक एक ऐसे विकेटकीपर की खोज पूरी की जा सकते जो धोनी की गैरमौजूदगी में जिम्मेदारी को संभाल सके.
अभी यह तय नहीं है कि टीम का चयन पहले तीन मैचों के लिए किया जाएगा या पूरी सीरीज के लिए. सीमित ओवरों के चरण की शुरुआत 21 अक्टूबर से होगी जिसमें पांच और तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जाएंगे.
हैदराबाद में होने वाली इस चयन समिति की बैठत में टीम में चल रहे कई विवाद और अहम मुद्दों पर भी बातचीत हो सकती है. इस बैठक में चयनकर्ताओं समेत टीम के कोच, कप्तान और कुछ सीनियर खिलाड़ी भी हिस्सा लेंगे.
आपको बता दें कि कुछ समय से मीडिया में खबरें चल रही है कि कप्तान विराट कोहली और उपकप्तान रोहित शर्मा के बीच वैचारिक मतभेद चल रहे हैं. इसकी पुष्टी इस बात से भी होती है कि एशिया कप जीतने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोहित शर्मा ने बिना विराट कोहली का नाम लिए टीम में लगातार बदलाव करने की उनकी निति पर सवाल उठाए थे.
रोहित शर्मा ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मैं नहीं चाहता हूं कि टीम में खिलाड़ियों के मन में किसी तरह का डर बना रहे.'
रोहित शर्मा ने इशारों में अपनी बात कहते हुए कहा कि एशिया कप में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट टीम में जगह नहीं मिली. रोहित और कोहली के बीच चल रहे मनमुटाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विराट कोहली ने वेस्टइंडीज के खिलाफ राजकोट टेस्ट में एक दिन पहले ही प्लेइंग इलेवन का एलान कर दिया.
इससे पहले विराट कोहली प्लेइंग इलेवन का एलान मैच वाले दिन ही करते थे.
रोहित शर्मा से पहले करुण नायर और मुरली विजय भी चयन समिति पर उंगली उठा चुके हैं. नायर और विजय का कहना है कि टीम में चयन को लेकर समिति की तरफ से उनके साथ कोई बातचीत नहीं की गई. इन दोनों खिलाड़ियों के इस बयान के बाद मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद को मीडिया के सामने आकर अपनी सफाई भी देनी पड़ी.
आगे आने वाले समय में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों का दौरा करना है और इसके बाद टीम को वर्ल्डकप की तैयारी करनी है. ऐसे में सीएओ यह चाहती है कि इन सभी बड़े टूर्नामेंट्स से पहले टीम में क्रिकेटरों के बीच चल रहे आपसी विवाद को दूर कर लिया जाए.