IND vs WI: मैन ऑफ द सीरीज बन खास क्लब में पहुंचे पृथ्वी शॉ
पहले टेस्ट में शतक के बाद पहली सीरीज में मैन ऑफ सीरीज बन पृथ्वी ने नया रिकॉर्ड अपने नाम किया
वेस्टइंडीज के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज में जिस खिलाड़ी ने सबका दिल जीता वो हैं भारत के युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ. 18 साल की उम्र में टेस्ट डेब्यू कर पहले ही टेस्ट में कई रिकॉर्ड बनाने वाले पृथ्वी शॉ को उनकी बेहतरीन बल्लेबाजी के लिए मैन ऑफ द सीरीज चुना गया. इस अवॉर्ड के साथ पृथ्वी पहली ही टेस्ट सीरीज में मैन ऑफ द सीरीज बनने वाले भारत के चौथे और विश्व के 10वें खिलाड़ी बन गए.
शॉ ने दो मैचों की सीरीज में 3 बार बल्लेबाजी की जिसमें एक शतक और एक अर्द्धशतक के साथ कुल 237 रन बनाए. उनका औसत इस वक्त 118.5 का है जो फिलहाल सबसे अधिक है. राजकोट में खेले गए पहले टेस्ट में पृथ्वी ने 134 रनों की पारी खेली थी और डेब्यू टेस्ट में शतक लगाने वाले भारत के सबसे कम उम्र के बल्लेबाज बने थे.
दूसरे टेस्ट की पहली पारी में भी पृथ्वी ने शानदार खेल दिखाया और वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की जमकर खबर ली. उन्होंने महज 53 गेंद में 70 रनों की पारी खेली जिसमें 11 चौके और 1 बेहतरीन छक्का शामिल था. दूसरी पारी में उनके बल्ले से नाबाद 33 रनों की पारी निकली जिसमें चार चौके शामिल रहे. उन्होंने मैच में विजयी शॉट लगाया और इस तरब भारत की और से सबसे कम में विजयी शॉट लगाने वाले बल्लेबाज भी बन गए.
अपनी इस खास और आक्रामक बल्लेबाजी के लिए उन्हें मैन ऑफ द सीरीज चुना गया. इतना ही नहीं वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत में खेले गए पिछले तीन सीरीज में वही खिलाड़ी मैन ऑफ द सीरीज बना जिसने डेब्यू किया. इससे पहले 2011 में रविचंद्रन अश्विन और 2013 में रोहित शर्मा को डेब्यू टेस्ट में मैन ऑफ द सीरीज मिला था.
कौन-कौन हैं इस लिस्ट में
सौरव गांगुली बनाम इंग्लैंड, 1996
जैक्स रुडॉल्फ बनाम बांग्लादेश, 2003
स्टुअर्ट क्लार्क बनाम साउथ अफ्रीका, 2006
अजंता मेंडिस बनाम इंडिया, 2008
रविचंद्रन अश्विन बनाम वेस्टइंडीज, 2011
वर्न फिलैंडर बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2011
जेम्स पैटिन्सन बनाम न्यूजीलैंड, 2011
रोहित शर्मा बनाम वेस्टइंडीज, 2013
मेहेदी हसन बनाम इंग्लैंड, 2016
पृथ्वी शॉ वी वेस्टइंडीज, 2018
मैच के बाद शॉ ने कहा, " टीम के लिए मैच को खत्म करना, मेरे लिए यह खुशी का पल है. मैंने अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय सीरीज खेली और 2-0 से जीती, वह भी मैन ऑफ द सीरीज के पुरस्कार के साथ."
शॉ ने कहा, "टीम में अब कोई जूनियर और सीनियर नहीं रह गया है. हर कोई परिवार के सदस्य जैसा है. अगले पल में क्या होगा, इसका मुझे नहीं पता लेकिन मैं इस पल का आनंद ले रहा हूं."