वेस्टइंडीज के खिलाफ राजकोट में खेले गए पहले टेस्ट में भारत ने पारी और 272 रनों की जीत दर्ज की जो रनों के मामले में भारत की सबसे बड़ी जीत है. इससे पहले भारत ने इसी साल अफगानिस्तान के डेब्यू टेस्ट में पारी और 262 रनों की जीत दर्ज की थी. इस जीत के साथ भारत ने दो मैचों की सीरीज में 1-0 की अजेय बढ़त भी बना ली है.
वहीं वेस्टइंडीज के टेस्ट इतिहास की दूसरी सबसे बड़ी हार है. भारत ने 9 विकेट पर 649 रन बना कर अपनी पहली पारी घोषित की जिसके जवाब में वेस्टइंडीज की टीम 98.5 ओवर में अपने सारे 20 विकेट गंवा दिए.
राजकोट के मैदान पर भारत की जीत इसलिए भी खास रही क्योंकि उसने अपने घर में जीत का शतक लगाया. ऐसा करने वाली वो दुनिया की चौथी टीम बनी.
अपने धर में सबसे अधिक मैच जीतने का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम है जिसने अपने घर में कुल 238 मुकाबले जीते हैं. ऑस्ट्रेलिया के बाद इस लिस्ट में इंग्लैंड का नंबर आता है जिसने कुल 217 टेस्ट अपने घर में जीते. 104 टेस्ट जीत के साथ साउथ अफ्रीका 104) इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर है.
पृथ्वी शॉ बने हीरो
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया ने 9 विकेट पर 649 रन बनाकर पारी घोषित कर दी. भारत की ओर से तीन शतक लगे लेकिन सबका दिल जीता 18 साल के युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने. पृथ्वी ने डेब्यू टेस्ट में 154 गेंद में 134 रनों की बेहतरीन पारी खेली. इस पारी में उन्होंने 19 बार गेंद को सीमा रेखा से बाहर भेजा. पृथ्वी को उनके इस शानदार बल्लेबाजी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया.
भारत की ओर से सबसे बड़ी पारी कप्तान विराट कोहली ने खेली. उन्होंने 230 गेंद में 139 रन बनाए. इस मैच में रविन्द्र जडेजा ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय शतक बनाया.
स्पिन तिकड़ी ने दिखाया कमाल
एक तरफ वेस्टइंडीज पर बड़े स्कोर का दबाव था दूसरी तरफ उन्हें स्पिन तिकड़ी से भिड़ना था. पहली पारी में जहां अश्विन ने 37 रन देकर 4 विकेट झटके तो दूसरी पारी में उन्हें दो सफलता मिली. पहली पारी में कुलदीप यादव सिर्फ 1 विकेट निकाल पाए थे लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए ने 57 रन देकर पांच बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया. रवींद्र जडेजा मे मैत में कुल चार विकेट लिए जिसमें तीन सफलता उन्हें दूसरी पारी में मिली.