वर्ल्ड क्रिकेट की नंबर एक टीम भारत और नंबर आठ टीम वेस्टइंडीज़ के बीच कल से दो टेस्ट मैचों की सीरीज़ का आरंभ होने जा रहा है. जहां दुनिया की सर्वोच्च टीम भारत अपनी पिछली सीरीज़ में इंग्लैंड के घर में हारकर लौटा है. वहीं वेस्टइंडीज़ की टीम घरेलू परिस्थितियों में बांग्लादेश को 2-0 से हराकर भारत आ रही है.


हालांकि इस सीरीज़ में पिछली सीरीज़ के आंकड़ों से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. क्योंकि भारत का वातावरण और क्रिकेटिंग माहौल वेस्टइंडीज़ और इंग्लैंड से बिल्कुल अलग है. ऐसे में खासकर वेस्टइंडीज़ की टीम को एक नई शुरुआत करनी पड़ेगी.


वैसे भी भारत के खिलाफ इस सदी में वेस्टइंडीज़ की टीम को ओंधे मुंह की खानी पड़ी है.


आइये आपको आंकड़ों के जरिए समझाते हैं कि कल से शुरु हो रही सीरीज़ में किस टीम का दबदबा रहेगा.


पिछले 16 सालों में भारत के खिलाफ नहीं जीत सका वेस्टइंडीज़:


किसी वक्त पर विरोधी टीमों को एकतरफा धूल चटाने वाली वेस्टइंडीज़ की टीम भारत के खिलाफ पिछले 16 सालों से एक जीत के लिए तरस रही है. साल 2002 में किंगस्टन में आखिरी जीत के बाद से वेस्टइंडीज़ की टीम भारत को एक बार भी पस्त नहीं कर पाई.


पिछले 16 सालों के दौरान भारत-वेस्टइंडीज़ के बीच कुल 19 टेस्ट खेले गए हैं. जिनमें से भारत ने 10 टेस्ट जीते हैं जबकि 9 टेस्ट ड्रॉ रहे हैं. 







लगातार पिछली 6 सीरीज़ में वेस्टइंडीज़ को चटाई है धूल:


दोनों देशों के बीच साल 2002 से छह टेस्ट सीरीज़ खेली गई हैं. जिनमें भी कैरेबियाई देश कभी भी जीतना तो दूर टेस्ट सीरीज़ बचाने में भी सफल नहीं रहा. 2002 से 2016 तक खेली गई छह टेस्ट सीरीज़ में भारत 6-0 से आगे है. इन छह सीरीज़ में तीन सीरीज़ भारत में जबकि तीन सीरीज़ वेस्टइंडीज़ में खेली गई है.


पहली सीरीज़ जीत में भारत को लगे थे 22 साल:


दोनों देशों के बीच साल 1948 से टेस्ट सीरीज़ की शुरुआत हुई. लेकिन उस दौर में वेस्टइंडीज़ की टीम का ऐसा जलवा था कि भारतीय टीम 22 सालों तक पांच पर लगातार सीरीज़ हारी जब जाकर 1970/71 में उन्हें पहली जीत नसीब हुई.


1948 से 2002 तक था वेस्टइंडीज़ का दबदबा:


1948 से शुरु हुई इस जंग में 2002 तक वेस्टइंडीज़ की टीम भारत के लिए कभी भी आसान प्रतिद्वंदी नहीं रहती थी. उन्होंने 2002 तक भारत के साथ कुल 16 टेस्ट सीरीज़ खेली और 12 पर अपना कब्ज़ा जमाया.


लेकिन 2002 के बाद ये आंकड़ा पूरी तरह से बदल गया.