भुवी और बुमराह को वापस लाना बन गया था टीम इंडिया की मजबूरी
तेज गेंदबाजों को आराम देना कोई गलत बात नहीं है. जिस तादाद में इन दिनों मैच होते हैं उसमें अगर खिलाड़ी बीच बीच में आराम नहीं करेगा तो उसके लिए फिट रहना काफी मुश्किल है. बहुत समय बाद एक ऐसा दौर आया था तब टीम इंडिया के पास तेज गेंदबाजी में काफी विकल्प मौजूद था.
तेज गेंदबाजों को आराम देना कोई गलत बात नहीं है. जिस तादाद में इन दिनों मैच होते हैं उसमें अगर खिलाड़ी बीच बीच में आराम नहीं करेगा तो उसके लिए फिट रहना काफी मुश्किल है. बहुत समय बाद एक ऐसा दौर आया था तब टीम इंडिया के पास तेज गेंदबाजी में काफी विकल्प मौजूद था. लिहाजा अपेक्षाकृत कमजोर मानी जा रही वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज में टीम इंडिया मैनेजमेंट ने भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह को ‘रेस्ट’ दे दिया.
ये फैसला आंखे खोल देने वाला साबित हुआ. पहले दो वनडे मैचों में ही समझ आ गया कि ये फैसला उलटा पड़ गया है. जिस वेस्टइंडीज की टीम को कमजोर माना जा रहा था उसने पहले वनडे में 322 रन ठोंक दिए. दूसरे वनडे में लक्ष्य का पीछा करते हुए उन्होंने 321 रन बना दिए.
वो तो आखिरी कुछ ओवरों में कुछ गड़बड़ी हो गई वरना वेस्टइंडीज की टीम विशाखापत्तनम में खेला गया दूसरा वनडे मैच बड़ी आसानी से जीत लेती. आखिरी गेंद पर चौका लगाकर उसे टाई से संतोष करना पड़ा. भारतीय गेंदबाजों की जो बुरी हालत रही उसके पीछे दो वजहें हैं. पहली- टॉस जीतकर बाद में गेंदबाजी करने का फैसला और दूसरा तेज गेंदबाजों का औसत प्रदर्शन. सीरीज के बाकि बचे तीन मैचों में हालात और ना बिगड़ें इसीलिए भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह को वापस बुला लिया गया.
उमेश यादव और शमी ने किया निराश
मोहम्मद शमी को वनडे टीम से बाहर भी किया गया है. उमेश यादव को भी बड़ी शिकायत रहती है कि उन्हें वनडे मैचों में ज्यादा मौके नहीं मिलते हैं. सच ये है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में इन दोनों गेंदबाजों ने बहुत औसत गेंदबाजी की. मोहम्मद शमी ने विशाखापत्तनम वनडे में 10 ओवर में 59 रन दिए. उन्हें एक विकेट मिला. उमेश यादव तो और भी महंगे साबित हुए. उन्होंने 10 ओवर में 78 रन लुटाए. उन्हें एक विकेट मिला.
पहले वनडे में मोहम्मद शमी ने 10 ओवर में 81 रन दे दिए थे. पहले मैच में शमी के खाते में 2 विकेट थे. उमेश यादव ने पहले मैच में बगैर कोई विकेट लिए 64 रन दिए थे. ये आंकड़े बताते हैं कि भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में इन गेंदबाजों की कमजोरियां खुलकर सामने आ जाती हैं. बेहतर है कि एक वक्त पर बुमराह और भुवनेश्वर में से किसी एक को ही आराम दिया जाए. जिससे वो कम से कम तेज गेंदबाजी को सही दिशा दे सके. ये भी सच है कि 2019 विश्व कप के प्लेइंग 11 में तीसरे तेज गेंदबाज के नाम पर विचार चल रहा है. मोहम्मद शमी और उमेश यादव का मौजूदा प्रदर्शन उनके दावे को कमजोर कर सकता है.
ओस ने भी किया गेंदबाजों को परेशान
विराट कोहली ने विशाखापत्तनम में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. उस वक्त पिच पर रन बनाना मुश्किल था. कॉमेंट्री में भी लगातार इस बात पर चर्चा हो रही थी कि ये सवा तीन सौ रनों का नहीं बल्कि पौने तीन सौ रनों का विकेट है. विराट ने अपनी बल्लेबाजी के आखिर में कुछ जबरदस्त शॉट्स लगाए जिससे टीम इंडिया का स्कोर सवा तीन सौ के करीब पहुंच गया. बावजूद इसके वेस्टइंडीज की टीम टाई कराने में कामयाब हुई.
ये खेल किया ओस ने. दूसरी पारी में बल्लेबाजी करना आसान हो गया था. विकेट में पहली पारी के मुकाबले नमी आ गई थी. जिससे बल्लेबाजों को मदद मिली. इसके अलावा ओस की वजह से गेंदबाजों को जो दिक्कत हो रही थी वो अलग. गेंदबाजों से गेंद सही तरीके से ‘ग्रिप’ नहीं की जा रही थी. यॉर्कर फेंकने की कोशिश करें तो गेंद ‘फुलटॉस’ हो जा रही थी. फील्डर्स रूमाल से गेंद की नमी को दूर करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन वो कोशिश नाकाफी थी. बल्लेबाजों को रोकने के लिए ऑफ स्टंप के बाहर गेंदबाजी करना ही इकलौता विकल्प था लेकिन तेज गेंदबाज सही लाइन लेंथ नहीं बना पाए. ड्यू यानी ओस की वजह से स्पिनर्स को भी परेशानी हुई. वो तो विराट कोहली के 157 रन थे वरना कैरिबियाई टीम आसानी से दूसरा वनडे जीत गई होती.