नई दिल्ली/देहरादून: भारतीय क्रिकेट टीम के किसी स्टार की बात हो तो उसके खेल के बाद सबसे पहली नज़र उसके स्टारडम पर जाती है. भारतीय क्रिकेट टीम का टिकट पाने के बाद आम से आम शख्स भी एक चमकता हुआ सितारा बन जाता है. लेकिन क्या आप इस बात पर यकीन कर पाएंगे कि किसी इतने बड़े स्टार के घर का सबसे खास सदस्य मुफिलिसी की ज़िंदगी बिताने को मजबूर हो??? नहीं ना, ऐसा ही कुछ देखने को मिला है टीम इंडिया के डेथ ओवर्स स्पेशलिस्ट गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह के दादीजी के साथ.
टीम इंडिया के स्टार जसप्रीत बुमराह चैम्पियंस ट्रॉफी के दौरान जमकर सुर्खियों में रहे. उन्हें टी-20 की ICC रैकिंग में दूसरा स्थान मिला लेकिन उनके दादा मुफलिसी में जी रहे हैं. उत्तराखंड के ऊधमनगर सिंह में रह रहे जसप्रीत सिंह बुमराह के दादा ऑटो-टैम्पो चलाकर गुजर बसर कर रहे हैं.
इंग्लैंड में हुई चैम्पियंस ट्रॉफी में जसप्रीत बुमराह की गेंदबाजी ने जमकर धमाल मचाया. भारत के सबसे तेजी से उभरते तेज गेंदबाज बन रहे हैं जसप्रीत बुमराह- लेकिन उनके दादा को मलाल है कि पोते का कमाल वो मैदान पर नहीं देख पाए. एक आम क्रिकेट फैन की तरह उन्होंने भी अपने पोते को खेलते हुए सिर्फ टीवी पर देखा है. उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर के किच्छा में रह रहे जसप्रीत बुमराह के दादा संतोख सिंह पर वक्त ने ऐसा कहर ढाया कि वो ऑटो टैम्पो चलाने को मजबूर हैं.
जसप्रीत बुमराह भले इस समय लाखों करोड़ों में खेल रहे हों लेकिन उनके दादा किराये के टूटे फूटे कमरे में रह कर ऑटो टैम्पो चलाकर अपनी गुजर बसर कर रहे हैं. बुमराह के दादा के पास कभी अहमदाबाद में तीन फैक्ट्रियां थी, लेकिन वो सब अब बीते दिनों की बात हो गई है.
चौरासी साल के बुज़ुर्ग संतोख सिंह बुमराह उत्तराखंड में अपने एक दिव्यांग बेटे के साथ रह रहे हैं. उनकी खस्ता आर्थिक हालत की जानकारी प्रशासन को मिली तो किच्छा के एसडीएम ने उन्हें मदद के लिए भी बुलाया. संतोख सिंह बुमराह अपने पोते की कामयाबी की दुआ कर रहे हैं. उनकी बस एक ही ख्वाहिश है कि वो पोते को गले लगा सकें.
बुमराह, मौजूदा समय में भारतीय क्रिकेट का एक चमकता हुआ चेहरा हैं. उन्होंने 16 वनडे मैचों में 26 विकेट चटकाए हैं. वहीं टी20 में बुमराह ने कुल 33 विकेट अपने नाम किए हैं. आईपीएल में बुमराह मुंबई इंडियंस टीम के स्टार पेसर हैं.