ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट खिलाड़ियों पर अब भारतीय कंपनियों की नजर
सिडनी: क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के बीच चल रहे विवाद में भारतीय कंपनियों की दिलचस्पी नया मोड़ लेकर आई है. सीए और खिलाड़ियों के बीच वेतन को लेकर विवाद चल रहा है, जिसके कारण एक जुलाई से ऑस्ट्रेलिया के सभी खिलाड़ियों के बेरोजगार होने का संकट मंडरा रहा है.
अखबार सिडनी मॉर्निग हेराल्ड ने ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन (एसीए) के विपणन प्रबंधक टिम क्रकशांक के हवाले से लिखा है, "इस विवाद ने बेशक दूसरे देशों की दिलचस्पी को जन्म दिया है. इसी कारण भारतीय कंपनियों का ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के बौद्धिक संपदा अधिकार में रूचि लेना आम बात है."
खिलाड़ियों का सीए के साथ मौजूदा करार इस शुक्रवार को खत्म हो रहा है. एसीए ने इसे देखते हुए रविवार को मौजूदा और पूर्व खिलाड़ियों की एक बैठक बुलाई है, जिसमें डेविड वार्नर, स्टीवन स्मिथ, मिशेल स्टार्क और शेन वाटसन के शामिल होने की संभावना है.
इस बैठक का मुद्दा अगले महीने ऑस्ट्रेलिया-ए और दक्षिण अफ्रीका-ए के बीच होने वाली सीरीज होगी, जिस पर इस समय संकट के बादल मंडरा रहे हैं, क्योंकि शुक्रवार को खिलाड़ियों की अनुबंध अवधि समाप्त हो रही है.
इसके अलावा बांग्लादेश में अगस्त में होने वाली सीरीज के लिए खिलाड़ियों को दिए जाने वाले प्रस्तावित शुल्क के खिलाड़ियों द्वारा स्वीकार किए जाने और 2017-18 के अनुबंध में शामिल खिलाड़ियों पर सीए का रुख चर्चा का विषय होगा.
इसके अलावा ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में खड़ा होने वाला नया विवाद खिलाड़ियों के एजेंटों द्वारा सीए के विरोधी प्रायोजकों से चर्चा करने को लेकर हो सकता है, जिसमें राष्ट्रमंडल बैंक और टोयोटा जैसी कंपनियां शामिल हैं.
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के हाई परफॉर्मेस मैनेजर पैट हावर्ड ने खिलाड़ियों को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह विरोधी प्रायोजकों से किसी तरह का करार न करें. हावर्ड ने कहा था, "सभी खिलाड़ियों को 2017-18 सत्र के लिए सुरक्षित प्रायोजकों की सूची सौंपी जाएगी."
उन्होंने कहा था, "खिलाड़ी अगर गैरमान्यता प्राप्त अनुंबध करते हैं तो वह अपने भविष्य को खतरे में डाल रहे हैं."