टीम इंडिया की किट स्पॉन्सरशिप डील की दौड़ में उतरा Puma, Adidas भी पेश कर सकता है दावेदारी
भारतीय क्रिकेट टीम में कप्तान विराट कोहली और विकेटकीपर बल्लेबाज केएल राहुल प्यूमा के ब्रांड एंबेसडर हैं और कंपनी भारतीय बाजार में अपनी पकड़ को मजबूत करना चाहती है.
टीम इंडिया के किट स्पॉन्सरशिप हासिल करने के लिए दुनिया की दो बड़ी स्पोर्ट्सवियर निर्माता कंपनी मैदान में उतर चुकी हैं. नाइकी (Nike) के साथ खत्म हो रही डील के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को नए प्रायोजक की तलाश है और इस रेस में जर्मनी की कंपनी प्यूमा (Puma) काफी आगे चल रही है, जबकि जर्मनी की ही प्रसिद्ध कंपनी एडिडास (Adidas) के भी इस रेस में शामिल होने की संभावना है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल ये साफ नहीं है कि क्या टीम की मौजूदा प्रायोजक नाइकी एक बार फिर बोली लगाएगी या नहीं. नाइकी पिछले 14 सालों में भारतीय क्रिकेट टीमों की किट प्रायोजक रही है.
प्यूमा ने खरीदा ITT, एडिडास की भी है रुचि
रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि कंपनी बीसीसीआई के मौजूदा प्रस्ताव से संतुष्ट नहीं है और इसलिए अभी तक दोबारा बोली लगाने पर फैसला नहीं हुआ है. बीसीसीआई ने हाल ही में किट प्रायोजन की डील के लिए टेंडर जारी करने का एलान किया था.
पीटीआई ने बीसीसीआई के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि प्यूमा ने बोली लगाने के लिए जरूरी आईटीटी (Invitation to Tender) खरीदा है जिसकी कीमत एक लाख रुपये हैं. हालांकि बोर्ड अधिकारी ने यह भी साफ किया कि आईटीटी खरीदने का मतलब यह नहीं है कि कंपनी ने बोली लगाएगी है. वहीं एडिडास ने भी इस बोली में अपनी रुचि दिखाई है, लेकिन कंपनी बोली लगाएगी या नहीं, इस पर स्थिति साफ नहीं है.
भारतीय क्रिकेट टीम में कप्तान विराट कोहली और विकेटकीपर बल्लेबाज केएल राहुल प्यूमा के ब्रांड एंबेसडर हैं और कंपनी भारतीय बाजार में अपनी पकड़ को मजबूत करना चाहती है.
BCCI ने इस बार घटाया है बेस प्राइस
रिपोर्ट के मुताबिक, किस कंपनी को डील मिलेगी यह इस पर भी निर्भर करेगा कि उसके देश में कितने स्टोर्स हैं. प्यूमा के इस वक्त देश में 350 स्टोर हैं, जबकि एडिडास के पास 450 से ज्यादा स्टोर हैं, जिससे इन दोनों कंपनियों की दावेदारी मजबूत है.
बीसीसीआई ने इस बार बेस प्राइस में कमी की है. इस बार प्रति मैच 61 लाख रुपये की कीमत रखी गई है जबकि पिछले साइकल (2016-2020) में नाइकी ने 88 लाख रुपये प्रति मैच के हिसाब से भुगतान किया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञ मान रहे हैं कि अगर सिर्फ 200 करोड़ रुपये में भी कोई टीम 5 साल की डील हासिल कर लेती है तो कोई हैरानी नहीं होगी, जो कि नाइकी द्वारा दी गई रकम से काफी कम है. नाइकी ने 2016-2020 के लिए 370 करोड़ रुपये (30 करोड़ रुपये रॉयल्टी के अलग से) दिए थे.
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