बीसीसीआई के एक कार्यकारी ने कहा कि पहले इस तरह की हरकतों को नजरअंदाज किया गया. इसी कारण यह स्थिति बनी है. उन्होंने कहा कि अगर बात उच्चायोग की नहीं होती और सीओए के मुखिया विनोद राय पर आंच नहीं आती तो इस बार भी इस घटना को नजरअंदाज किया जाता.
उन्होंने कहा, "पहले इस तरह की हरकतें हुई थीं, लेकिन उन्हें नजरअंदाज किया गया. इसी कारण उनका हौसला बढ़ा है. अब क्योंकि राय तक बात आ गई है तो कार्रवाई की जा सकती है." विश्व कप के दौरान भी बोर्ड के अधिकारी उनके व्यवहार से खुश नहीं थे.
अधिकारी ने कहा, "जिस किसी ने भी मैनेजर से बात की वह मैनेजर के व्यवहार से बेहद निराश हुआ. अपने दोस्तों के लिए टिकट और पास इकट्ठे करना उनकी प्राथमिकता है और अपने पद की जिम्मेदारी निभाना उसके बाद आता है."