Rinku Singh Journey: आईपीएल 2023 सीजन में लगातार 5 छक्के लगाकर कोलकाता नाइट राइडर्स को जीत दिलाने वाले रिंकू सिंह ने टीम इंडिया के लिए आयरलैंड के खिलाफ डेब्यू किया. हालांकि, पहले मैच में रिंकू सिंह को बैटिंग करने का मौका नहीं मिला. आयरलैंड सीरीज के बाद रिंकू सिंह को एशियन गेम्स के लिए भारतीय टीम में चुना गया है. बहरहाल, रिंकू सिंह के डेब्यू और आगामी मैचों पर हमने बात की रिंकू सिंह के कोच फसाहत अली से. इस दौरान हमने रिंकू सिंह के ऑन द फील्ड और ऑफ द फील्ड माइंडसेट के साथ-साथ पर्सनालिटी को समझने की कोशिश की.


अभिनव आजाद- रिंकू को जब टीम इंडिया में जगह मिली तो आपका रिएक्शन कैसा था... आपने सोचा था ये सब इतनी जल्दी हो जाएगा?


फसाहत अली- ये मैंने नहीं सोचा था कि टीम इंडिया के लिए इतनी जल्दी बुलावा आ जाएगा. हालांकि, जिस तरह आईपीएल में वह कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेल रहा था. खासकर, गुजरात टाइटंस के खिलाफ लगातार 5 गेंदों पर 5 छक्के लगाने के बाद ख्याल आने लगे कि इस खिलाड़ी को टी20 टीम में शामिल किया जा सकता है. इस इनिंग के बाद 100 फीसदी लगने लगा था कि भारतीय टी20 टीम में जरूर जगह मिलनी चाहिए.


अभिनव आजाद- आप रिंकू सिंह और बाकी साथ खेलने वाले क्रिकेटरों में क्या अंतर पाते हैं? रिंकू बाकियों से कैसे अलग है?


फसाहत अली- रिंकू सिंह का तालुक्क बेहद सामान्य परिवार से है. उनकी एकेडमिक बहुत अच्छी नहीं है. इस वजह से रिंकू सिंह हमेशा से जानते थे कि वह महज क्रिकेट में अच्छा कर सकते हैं. उनके पास क्रिकेट ही एक ऑप्शन है. इस वजह से उन्होंने क्रिकेट पर काफी काम किया. रिंकू ने अपनी कमियों को कभी आड़े नहीं आने दिया. साथ ही रिंकू सिंह भली-भांति जानते हैं कि क्रिकेट तो बढ़िया खेलना ही पड़ेगा, लेकिन साथ ही अनुशासन बेहद जरूरी है. इस खिलाड़ी को अच्छे से पता है कि कहां-कहां काम करने की जरूरत है. बतौर क्रिकेटर आपकी बॉडी लैंग्वेज ठीक होना बेहद जरूरी है.


अभिनव आजाद- आईपीएल से पहले आपकी रिंकू से बात हुई... आपने रिंकू को लास्ट मैसेज क्या दिया?


फसाहत अली- मैं जानता हूं कि आईपीएल में खेलने का अलग दबाव होता है. खासकर, अगर आप ईडेन गार्डेन्स कोलकाता में खेल रहे हैं, तो वहां फैंस के बीच अपनी टीम के लिए गजब का जोश होता है. अगर आपके पास बहुत ज्यादा अनुभव नहीं है तो आप ऐसे जगहों पर खेलने में दबाव महसूस करेंगे. मैंने आईपीएल से पहले रिंकू सिंह से कहा कि तुम आईपीएल के मैचों में क्लब क्रिकेट की तरह खेलना... ये नहीं सोचना कि आईपीएल में खेल रहा हूं. अगर ऐसा सोचोगे कि आईपीएल में खेल रहा हूं तो दबाव बढ़ेगा, बस अपने गेम को एंजॉय करना है. आईपीएल में सबसे बड़ा प्रेशर होता है क्राउड का.


अभिनव आजाद- रिंकू सिंह में बतौर क्रिकेटर स्पेशल क्या है?


फसाहत अली- रिंकू छक्के-चौके आसानी से लगा सकता है, ये बात सबलोग जानते हैं, लेकिन उसकी क्रिकेट को लेकर सोच काबिलेतारीफ है. आपने देखा होगा कि इस बार जब आईपीएल में रिंकू बल्लेबाजी के लिए आ रहे थे तो पहले सिंगल-डबल भाग रहे थे. क्योंकि वह जानता है कि छक्के-चौके जब चाहे लगा सकता हूं. वह अपनी इनिंग की शुरूआत में पिच की मिजाज को पढ़ना और जानना चाहता है. वह भली-भांति जानता है कि अगर क्रीज पर सेट हो गया तो आखिरी 2 गेंदों पर 2 छक्के लगाकर मैच जीत लूंगा. रिंकू में इस बार यह बदलाव देखने को मिला, जो शानदार है... यह उसके कॉन्फिडेंस को दिखाता है.


अभिनव आजाद- क्या आपको लगा था कि रिंकू लगातार 5 छक्के लगाकर मैच जिता सकता है?


नहीं, नहीं... मुझे बिल्कुल नहीं लगा था. मुझे लगा कि अगर रिंकू सिंह बहुत अच्छा खेल गया तो आखिरी ओवर में 18-20 रन बना देगा, हार का अंतर कम कर देगा, लेकिन ये नहीं सोचा था कि लगातार 5 छक्के लगाकर मैच जीता देगा. हालांकि, जब रिंकू ने पहली 2 गेंदों पर 2 छक्के लगा दिए तो मैं आश्वस्त हो गया कि अब यह लड़का कॉन्फिडेंस पा चुका है, और आखिरी 3 गेंदों पर 3 छक्के लगा सकता है. लेकिन उस वक्त कोई पूरी तरह आश्वस्त नहीं था, लेकिन ऐसा जरूर लगने लगा था कि यहां से मैच निकाल सकता है. जब रिंकू ने चौथा छक्का लगाया तो मैं 100 फीसदी आश्वस्त हो गया कि अब आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर मैच जीत लेगा.


अभिनव आजाद- रिंकू कैसे आसानी से छक्के लगा लेते हैं? बतौर कोच आप क्या मानते हैं?


फसाहत अली- देखिए... छक्के लगाना पैशन है. जिस तरह युवराज सिंह के लिए छक्के लगाना पैशन था, ठीक उसी तरह रिंकू सिंह छक्के लगाना जानते हैं. रिंकू बहुत आसानी से छक्के लगा सकता है, और उसने ऐसा करके दिखाया है. 


अभिनव आजाद- आयरलैंड दौरे पर रिंकू सिंह से कितनी उम्मीदें हैं?


फसाहत अली- जब आप आयरलैंड या फिर इंग्लैंड में खेलते हो तो वहां रन बनाना आसान नहीं है, क्योंकि पिच पर स्विंग और मूवमेंट बहुत ज्यादा होती है. तो मुझे लगता है कि आयरलैंड की पिचों पर रिंकू के लिए रन बनाना आसान नहीं होगा. खासकर, तेज गेंदबाजों के खिलाफ... इसके अलावा इन देशों की विकेट और कंडीशंस भारत के मुकाबले बहुत ज्यादा अलग है. लेकिन रिंकू जिस तरह की भारतीय विकेट पर खेलकर गया है, तो उसके लिए आयरलैंड की पिचों पर रन बनाना आसान नहीं होगा. हालांकि, मैं ये नहीं कह रहा कि वह आयरलैंड में रन नहीं बना सकता है, लेकिन मुझे पता है कि रन बनाना कितना मुश्किल है.


अभिनव आजाद- तो आयरलैंड की पिचों पर कैसे रन बना सकते हैं रिंकू?


फसाहत अली- सबसे पहले तो कूल माइंड के साथ उतरना होगा. इसके बाद वहां के हालात के मुताबिक उसको जल्दी ढ़ालना होगा. अगर रिंकू ऐसा कर लेता है तो वह रन बना सकता है. मैं तो अच्छा समझता हूं कि पहले मैच में उसकी बैटिंग नहीं आई (हंसते हुए). मैं मानता हूं कि अगर वह खुद को हालात के मुताबिक ढ़ाल लेता है तो रन बना सकता है... लेकिन इसके लिए बहुत ज्यादा फोकस की जरूरत है. मुझे उम्मीद है कि वह कर सकता है.


अभिनव आजाद- क्या एशियन गेम्स में टीम इंडिया गोल्ड जीत पाएगी और रिंकू से कितनी उम्मीदें हैं?


फसाहत अली- एशियन गेम्स में टीम इंडिया जरूर गोल्ड मेडल जीतेगी. मुझे लगता है कि भारतीय-ए टीम बाकी टीमों की सीनियर टीमों से कहीं बेहतर है. एशियन गेम्स में हमारी लड़ाई पाकिस्तान और श्रीलंका जैसी टीमों से होनी है, लेकिन मेरा मानना है कि अगर पाकिस्तान और श्रीलंका की मेन टीम भी खेलती है तो हम सबसे मजबूत दावेदार होंगे. इसके अलावा एशियन गेम्स भारतीय सब-कॉन्टिनेंट में होने हैं, वहां की पिचें भारत की तरह हैं. तो मैं आश्वस्त हूं कि रिंकू रन बनाएंगे. इन पिचों पर रिंकू को बैटिंग करने में कोई दिक्कतें नहीं आएंगी.


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