बीसीसीआई करेगा नई पहल, एनसीए के साथ टीम इंडिया का कोचिंग स्टाफ अनुभव बांटेगा
बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुल पहले ही साफ कर चुके हैं कि वह एनसीए के कामकाज को बेहतर करना चाहते हैं. उसी दिशा में यह पहल शुरू की जा रही है.
कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में क्रिकेट थमा हुआ है. इसी बीच बीसीसीआई ने खिलाड़ियों की फिटनेस के मद्देनज़र बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर ली है. बीसीसीआई चाहता है कि टीम इंडिया का कोचिंग स्टाफ रवि शास्त्री, भरत अरूण और आर श्रीधर अपने अनुभवों को नेशनल क्रिकेट एकेडमी के साथ शेयर करें. सबा करीम ने कहा है कि यह विचार एनसीए चीफ राहुल द्रविड़ के पास से आया है. इस प्रस्ताव का मकसद जानकारी और अनुभव शेयर करना है.
सबा करीम ने कहा, "यह विचार राहुल द्रविड़ के दिमाग से आया है. यह अच्छी बात है कि हमारी नेशनल टीम का कोचिंग स्टाफ इसमें शामिल हो रहा है. यह भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छी बात है. सिर्फ कोचिंग स्टाफ को ही नहीं बल्कि प्रशासन को भी सामने आए इस मुश्किल समय में एक मंच पर आना चाहिए."
उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय टीम से लेकर अंडर-19 टीम तक जितने कोच हैं उनके बीच सब कुछ अच्छे से चलना चाहिए. इससे एक-दूसरे के विचारों को जानने समझने का मौका मिलेगा और हम बेहतर दिशा में आगे बढ़ पाएंगे."
टीम इंडिया के खिलाड़ी साल में अधिकतर समय क्रिकेट ही खेलते हैं, लेकिन फिलहाल वो अपने घरों में मौजूद हैं. इसी तरह से रवि शास्त्री के विचार भी काम आ सकते हैं. बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने पहले ही कह दिया है कि उनकी टीम एनसीए में बदलाव लाने के बारे में सोच रही है ताकि यह टीम इंडिया के क्रिकेटर्स के लिए प्राथमिकता बन सके.
द्रविड़ काफी वक्त से नेशनल क्रिकेट एकेडमी का चार्ज संभाले हुए हैं. द्रविड़ चाहते हैं कि टीम इंडिया का कोचिंग स्टाफ एनसीए के कोचिंग स्टाफ के साथ बात करे ताकि काम को और बेहतर तरीके से किया जा सके. बता दें कि कोच शास्त्री और गेंदबाजी कोच भरत अरुण के रहते भारतीय टीम एक मजबूत गेंदबाजी ईकाई बनी है. साथ ही टीम का फील्डिंग का स्तर भी बेहतर हुआ है.
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