क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने वाले स्टार ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर ने भारतीय क्रिकेट टीम के मैनेजमेंट को लेकर बड़ा खुलासा किया है. 'आज तक' के डिजिटल चैनल 'स्पोर्ट्स तक' के साथ बातचीत में गंभीर ने बताया कि किस तरह भारतीय क्रिकेट टीम के मैनेजमेंट ने उनके साथ दोहरा व्यवहार किया.


गंभीर ने सीधे तौर भारतीय टीम मैनेजमेंट पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुझे जिस तरह से टेस्ट और वनडे टीम से बाहर किया गया वह गलत था. गंभीर ने कहा कि मुझे टेस्ट फॉर्मेट में खराब प्रदर्शन की वजह से वनडे टीम से बाहर कर दिया जिसकी वजह ने मुझे बहुत निराशा हुई.


इसके साथ ही गंभीर ने पूर्व सेलेक्टर्स संदीप पाटिल पर निशाना साधते हुए कहा, 'जब मुझे टेस्ट टीम से बाहर किया गया तो संदीप पाटिल ने इसके पीछे मेरे बैटिंग करने के तरीके पर सवाल उठाया था मुख्य चयनकर्ता ने कहा कि आपको रनों की वजह से ड्रॉप नहीं किया गया है.'


गंभीर ने कहा, 'भारतीय टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें टीम में अपनी जगह को लेकर ज्यादा फिकर नहीं करनी होती है लेकिन यह सब खिलाड़ियों के साथ नहीं है. आप पर जब दवाब होता है कि अगर आप एक सीरीज में अच्छा नहीं कर पाए तो आपको टीम से बाहर कर दिया जाएगा. ऐसे में इसका सीधा असर आपके प्रदर्शन पर पड़ता है.'


इसके अलावा गंभीर ने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साल 2015 के वर्ल्डकप की योजनाओं पर भी सवाल खड़े किए.


2011 वर्ल्डकप के फाइलन मैच में भारत के लिए 97 रनों की पारी खेलने वाले गंभीर ने कहा कि वर्ल्डकप से तीन साल पहले कोई कप्तान कैसे इतने बड़े टूर्नामेंट के लिए टीम को तैयार कर सकता है. तीन साल में खिलाड़ियों के फॉर्म में भी उतार चढ़ाव आते रहते हैं.


धोनी के साथ अपने रिश्ते पर भी गंभीर ने बड़े ही बेबाकी से अपनी रखी और कहा, 'हमारे बीच किसी तरह का कोई मनमुटाव नहीं रहा है. यह सिर्फ एक अफवाह है. मेरी तरफ से धोनी को लेकर कुछ भी नहीं है.'


उन्होंने कहा, 'जब आप एक टीम के सदस्य होते हैं तो वहां पर कई तरह की सहमती और असहमती होती रहती है और ऐसा होना जरूरी भी होता है तभी आर और आगे बढ़ सकते हैं. धोनी और मैंने भारतीय ड्रेसिंग रूम में बहुत से यादगार लम्हा एक साथ बिताया है और मेरे और उनके बीच इस तरह की कोई बात नहीं है.'


संन्यास के बाद बेबाकी से अपनी बात को रखते हुए गंभीर ने कहा कि उन्हें अपने क्रिकेट करियर के बारे में किसी चीज के लिये कोई मलाल नहीं है क्योंकि मैं दोस्त से ज्यादा दुश्मन बनाए हैं इसलिए मैं रात में शांति से सो पाता था.

गंभीर ने कहा, ‘‘यह बात सिर्फ क्रिकेट तंत्र में ही नहीं है बल्कि हमारे समाज में यह आम है कि किसी को भी उसकी कमियां बताया जाना पसंद नहीं आता. हम सच्चाई को नहीं देखते, अपना दर्जा बनाये रखना चाहते हैं. मुझे इससे घुटन होती है. ’’


भले ही चयनकर्ता हों या फिर डीडीसीए प्रबंधन, गंभीर ने क्रिकेट संबंधित मुद्दों पर उसी का साथ निभाया जो उन्हें सही लगा.


उन्होंने कहा, ‘‘मैं गलत चीजें और बनावटीपन बर्दाश्त नहीं कर सकता. मुझे काफी लोग कहते हैं कि मैं थोड़ा सा नम्र हो सकता था लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता. हां, मैंने दुश्मन बनाये लेकिन मैं शांति से सोया. ’’


उनकी 2017 में केपी भास्कर से गाली गलौच हो गयी थी, जिसमें उन्होंने पूर्व कोच पर आरोप लगाया था कि वह जूनियर खिलाड़ियों का करियर बर्बाद करने की कोशिश कर रहे थे. उनकी गेंदबाज नवदीप सैनी को लेकर चेतन चौहान से बहस हो गयी थी.


गंभीर राज्य चयनकर्ता पर भी नाराज हो गये थे क्योंकि दिल्ली की टीम के लगातार तीन रणजी मैच जीतने के बाद यह चयनकर्ता निचले स्तर के क्लब क्रिकेटर को टीम में शामिल करना चाहता था.


क्या वह कभी भयभीत नहीं हुए कि इससे उनके करियर पर प्रभाव पड़ सकता था? तो उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से इससे मैं प्रभावित हुआ. मैं भी इंसान हूं लेकिन जैसा कि मैंने कहा कि मैं अनुचित चीजों को होते हुए नहीं देख सकता. ’’