भारतीय क्रिकेटर के पिता को 7 साल की जेल, 11 साल बाद फर्जीवाड़े पर कोर्ट ने सुनाया फैसला
Naman Ojha Father Fraud Case: भारतीय क्रिकेटर नमन ओझा के पिता को 7 साल की जेल की सजा सुनाई गई है. जानिए क्या है ये पूरा मामला?
Naman Ojha Father Jailed: भारतीय क्रिकेटर नमन ओझा के पिता, विनय ओझा को करीब सवा करोड़ रुपये गबन करने के मामले में कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई है. इस मामले में कुल चार लोगों को सजा सुनाई गई है. भारतीय क्रिकेटर के पिता को केवल 7 साल जेल की सजा ही नहीं बल्कि उनपर 7 लाख रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी ठोका गया है. दरअसल साल 2013 में मध्य प्रदेश के जौलखेड़ा में स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र की शाखा में पैसा गबन करने का मामला सामने आया था.
साल 2013 में कुल 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. अब आखिरकार 11 साल बाद कोर्ट ने गबन मामले के मास्टरमाइंड कहे जाने वाले अभिषेक रतनाम को भी दोषी पाए जाने के बाद 10 साल की सजा के अलावा उनपर 80 लाख रुपये का जुर्माना लगा है. विनय ओझा उस समय बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जौलखेड़ा शाखा में असिस्टेंट मैनेजर पद पर कार्यरत थे. उन्हें दोषी पाए जाने के बाद 7 साल की सजा और 7 लाख रुपये का जुर्माना भुगतना पड़ा है. वहीं बिचौलिये की भूमिका अदा करने वाले धनराज पवार और लखन हिंगवे, दोनों को 7 साल जेल के साथ-साथ 7 लाख रुपये का जुर्माना भी चुकाना होगा.
इस घटना के मास्टरमाइंड अभिषेक रतनाम ने बैंक के कर्मचारियों का पासवर्ड इस्तेमाल करके फ्रॉड को अंजाम दिया था. जब मामले की जांच शुरू हुई तो पाया गया कि नमन ओझा के पिता, विनय ओझा बैंक ऑफ महाराष्ट्र की इसी शाखा में काम करते थे और उनका इस फ्रॉड मामले से सीधा-सीधा कनेक्शन पाया गया. जांच प्रक्रिया लंबी चली और इस दौरान शाखा में कैशियर पद पर रहे दीनानाथ राठौड़ का निधन हो गया था. उनके अलावा प्रशिक्षु शाखा प्रबंधक नीलेश चटरोले के आईडी एवं पासवर्ड का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया. नीलेश को इस मामले में दोषी नहीं पाया गया है.
वकील विशाल कोडाले ने खुलासा किया कि अभिषेक रतनाम और विनय ओझा ने अपने एजेंटों के जरिए फर्जी अकाउंट खुलवाए और इस माध्यम से 1.25 करोड़ रुपये का गबन किया. कोर्ट ने 6 लोगों में से कुल 4 को दोषी पाया है और उन्हें सजा सुनाई है.
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