IPL 2025 Mega Auction Retention Rules: BCCI ने 31 जुलाई को आईपीएल टीम मालिकों के साथ मीटिंग की थी. उसके बाद एक हालिया रिपोर्ट सामने आई है कि बीसीसीआई प्रत्येक फ्रैंचाइज़ी को 6 खिलाड़ी रिटेन करने की अनुमति दे सकता है, जिनमें राइट टू मैच कार्ड (RTM) का विकल्प भी खुला रहेगा. अब भारतीय क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन ने RTM कार्ड रूल पर आपत्ति जताई है और साथ ही उन्होंने इसका उदाहरण भी दिया है.


यह नियम है सबसे बकवास


रविचंद्रन अश्विन ने राइट टू मैच नियम को बकवास बताते हुए कहा, "मुझे राइट टू मैच नियम से अधिक अनुचित कुछ नहीं लगता क्योंकि अभी तक इसका महत्व ही क्या रहा है. उदाहरण के तौर पर कोई खिलाड़ी सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेल रहा है और उसकी सैलरी फिलहाल 5 या 6 करोड़ है. यह खिलाड़ी ऑक्शन में जाता है और सनराइजर्स हैदराबाद उसे दोबारा खरीदना चाहती है. इसका मतलब सनराइजर्स उस प्लेयर के लिए बेस प्राइस यानी 2 करोड़ रुपये की बोली से शुरुआत करेगी."


इसका कोई फायदा नहीं


अश्विन ने आगे यह भी कहा कि यदि KKR और MI उस प्लेयर पर बोली लगा रही हैं, जो 6 करोड़ तक चली जाती है. अश्विन कहते हैं कि उस खिलाड़ी को यदि MI 6 करोड़ रुपये में खरीद लेती है, तभी SRH उतनी ही बोली लगाकर खिलाड़ी को रिटेन कर सकती है. यहां समस्या यह है कि SRH तो खुश हो जाएगा, लेकिन KKR और MI नाखुश होंगे. ऐसे में प्लेयर का कोई उचित मूल्य नहीं रह जाएगा. जहां 2 टीम एक प्लेयर के लिए फाइट कर रही थीं, तभी SRH बीच में कूद पड़ती है और कहती है कि उनका खिलाड़ी उन्हें वापस कर दिया जाए. अश्विन ने उदाहरण देकर साफ किया कि इस नियम के फायदों से अधिक नुकसान हैं.


आखिर क्या है राइट टू मैच नियम?


दरअसल राइट टू मैच को बोली के दौरान लागू किया जा सकता है. मान लीजिए यदि किसी टीम पर 5-6 करोड़ की बोली लग चुकी है और उसकी पुरानी टीम उसे रिटेन करना चाहती है. तो वह टीम उस पर लगाई गई बोली जितनी रकम ऑफर करके राइट टू मैच का कार्ड मैदान में फेंक सकती है.


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