Rahul Dravid Bharat Ratna: राहुल द्रविड़ पिछले साल वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप के बाद ही भारत का मुख्य कोच पद छोड़ने वाले थे. मगर रोहित शर्मा और अन्य प्लेयर्स के आग्रह पर उन्होंने कुछ और महीनों तक हेड कोच बने रहने का निर्णय लिया था. द्रविड़ नहीं जानते थे कि वो 7 महीने बाद ही टी20 वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठा रहे होंगे. अब आखिरकार द्रविड़ अच्छी यादों के साथ कोच पद से रिटायर हुए हैं. महान भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने 'द वॉल' कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ को भारत रत्न दिए जाने की मांग की है.


गावस्कर ने भारत सरकार से आग्रह करते हुए कहा, "यह उचित होगा यदि सरकार राहुल द्रविड़ को भारत रत्न से सम्मानित करे और वे इसके हकदार भी हैं. वे एक महान खिलाड़ी और कप्तान रहे. उन दिनों वेस्टइंडीज में सीरीज जीतना आसान नहीं था और वे ऐसे केवल तीसरे भारतीय कप्तान भी रहे जिन्होंने इंग्लैंड में जाकर इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज जीती हो. उन्होंने नेशनल क्रिकेट अकादमी में नए टैलेंट को उभारने का काम बखूबी किया और सीनियर टीम के एक बढ़िया कोच भी रहे."


द्रविड़ का भारतीय क्रिकेट में योगदान


राहुल द्रविड़ एक महान खिलाड़ी तो रहे, लेकिन उनके कोचिंग करियर की शुरुआत तब हुई जब वो रिटायरमेंट के बाद 2014 में इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टीम के मेंटर रहे थे. 2015 में उन्हें अंडर-19 और इंडिया-ए टीम का हेड कोच नियुक्त किया गया. उनके कोच रहते अंडर-19 टीम 2016 के वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची, लेकिन जीत नहीं पाई लेकिन उसके 2 साल बाद टीम इंडिया ने ट्रॉफी उठाकर ही दम लिया. इस दौरान उन्होंने ऋषभ पंत, वॉशिंग्टन सुंदर और ईशान किशन जैसे फ्यूचर स्टार्स को तैयार किया. आखिरकार 2019 में उन्हें भारत की सीनियर टीम का कोच नियुक्त किया गया.


द्रविड़ के व्यक्तिगत करियर पर नजर डालें तो उन्होंने 164 टेस्ट मैचों में 13,288 रन बनाए. उन्होंने 344 वनडे मैचों में 10,889 रन भी बनाए हैं. द्रविड़ के नाम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 24 हजार से अधिक रन हैं और तीनों प्रारूपों में मिलाकर दुनिया में सातवें सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी हैं. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उनके नाम 48 शतक और 146 फिफ्टी भी हैं.


यह भी पढ़ें:


खाने के लिए पैसे नहीं, मगर चैंपियंस ट्रॉफी से पहले PCB मैदानों पर लुटाएगा 1280 करोड़; खिलाड़ियों की सैलरी भी बढ़ाई