कोरोना वायरस की वजह से क्रिकेट टूर्नामेंट्स का आयोजन तो नहीं हो रहा है, लेकिन भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. शमी ने बताया है कि उन्होंने 2015 में ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड में खेले गए वनडे वर्ल्ड कप में चोटिल घुटने के साथ हिस्सा लिया. शमी के लिए 2015 का वर्ल्ड कप शानदार साबित हुआ था और वह 7 मैचों में 17 विकेट लेकर टीम इंडिया के दूसरे सबसे कामयाब गेंदबाज रहे थे. उमेश यादव ने भारत के लिए 8 मैचों में सबसे ज्यादा 18 विकेट लिए थे.


शमी ने भारत के पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान के साथ इंस्टाग्राम पर लाइव चैट के दौरान अपनी घुटने की चोट के बारे में खुलासा किया. शमी ने बताया है कि वह कम से कम तीन पेन किलर और इंजेक्शन लेने के बाद मैदान पर उतारा करते थे. उन्होंने कहा, ''कई बार आपको लगता है कि यह बेहद महत्वपूर्ण मैच है और आपका खेलना जरूरी है. वर्ल्ड कप के दौरान ही मुझे घुटने में चोट लगी. मैं चल भी नहीं पा रहा था और मुझे पेन किलर के साथ इंजेक्शन भी लेने पड़ते थे.''


घुटने का होना था ऑप्रेशन


शमी ने बताया कि किस तरह से टीम के फिजियो नितिन पटेल ने उनकी मदद की. उन्होंने कहा, ''नितिन पटेल ने मुझे टूर्नामेंट पूरा करने का भरोसा दिलाया. मुझे घुटने का ऑप्रेशन करवाने की जरूरत थी, लेकिन उन्होंने कहा कि अगर मैं दर्द सहन कर सकता हूं तो वर्ल्ड कप खेलता रहूंगा.'' शमी पर वर्ल्ड कप के दौरान टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी पूरा भरोसा दिखाया.


हालांकि टीम इंडिया का सफर सेमीफाइनल में ही खत्म हो गया था. सेमीफाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 329 रन की चुनौती रखी थी. लेकिन टीम इंडिया 223 रन बनाकर ही ऑलाउट हो गई. इस मैच के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि चोट की वजह से शमी का करियर लगभग खत्म हो गया है. हालांकि 2018 में शमी ने टीम इंडिया में शानदार वापसी की और अब वह वनडे और टेस्ट में बेहतरीन गेंदबाजी कर रहे हैं.


रिकी पोंटिंग ने कहा- जिन गेंदबाजों का सामना किया उनमें अख्तर का फेंका ओवर सबसे तेज था