यूके की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा क्या गया है कि मेलबर्न में हुए टी 20 विश्व कप फाइनल मैच की विजेता टीम ऑस्ट्रेलिया को मार्च 2020 में खेले गए टूर्नामेंट के एक महीने बाद क्रिकेटरों को उनके हिस्से का $1.6 मिलियन का भुगतान कर दिया गया था. वहीं सेमीफाइनल में पहुंचने वाले इंग्लैंड को इवेंट के दो महीने बाद पुरस्कार राशि दे दी गई थी, लेकिन भारतीय महिला टीम के खेले जाने के 14 महीनों के बाद भी उन्हें पुरस्कार राशि नहीं दी गई है.
इस मामले में भारतीय बोर्ड का कहना है कि उसे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद से नवंबर में ही पैसा मिल गया था. बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों को अभी तक भुगतान नहीं किया गया है, लेकिन उन्होंने दावा किया कि टीम के वरिष्ठ सदस्य भुगतान राशि में हुई देरी से अवगत हैं और कुछ तकनीकी समस्याओं की वजह से ये देरी हुई है. साथ ही कहा कि अगर वर्तमान में खिलाड़ियों को भुगतान किया जाता है, तो उन्हें दोहरे टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा. बीसीसीआई का उद्देश्य है कि खिलाड़ियों को ज्यादा टैक्स देने से बचाया जाए. वर्तमान में आईसीसी टीडीएस काट रहा है, जिसके चलते खिलाड़ियों को 50,000-60,000 अमेरिकी डॉलर मिलेगा.
BCCI करती है ICC को 23.7 मिलियन डॉलर का भुगतान
जानकारी के मुताबिक भारत में आयोजित 2016 टी20 विश्व कप से राजस्व के लिए टैक्स में छूट देने से भारत सरकार के इनकार के बाद बीसीसीआई को आईसीसी के लिए 23.7 मिलियन डॉलर का भुगतान करना पड़ता है. ये मामला मार्च 2020 से आईसीसी की विवाद समाधान समिति के पास है.
हर खिलाड़ी को मिलेंगे ₹20 लाख
अब माना जा रहा है कि भारतीय बोर्ड पुरस्कार राशि देने का फैसला कर सकता है. भारतीय क्रिकेट में पुरस्कार वितरण मानदंडों के मुताबिक पैसा 15 सदस्यीय टीम में जाएगा, जिसका नेतृत्व हरमनप्रीत कौर कर रही थी, वहीं खेलने वाले प्रत्येक सदस्य को टैक्स के बाद लगभग ₹20 लाख मिलेंगे.
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