नई दिल्ली: बीसीसीआई ने तीन राष्ट्रीय चयनकर्ताओं का वेतन बढ़ाने के साथ अंपायरों, स्कोरर और वीडियो विश्लेषकों की फीस दोगुनी करने का फैसला किया है. बीसीसीआई की सबा करीम की अध्यक्षता वाली क्रिकेट परिचालन विंग ने यह फैसला किया. सीओए को भी लगता है कि मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद एंड कंपनी को उनकी सेवाओं का फायदा मिलना चाहिए.


अंपायरों को संशोधित फीस के अनुसर प्रथम श्रेणी मैच, 50 ओवरों के मैच या तीन दिवसीय मैच में 40,000 रूपये प्रतिदिन मिलेंगे जबकि पहले उन्हें 20,000 रूपये प्रतिदिन मिलते थे.


अंपायरों को मिलने वाली यह फीस घरेलू क्रिकेट खेलने वाले एक खिलाड़ी से भी अधिक हो गई है. आपको बता दें कि रणजी ट्रॉफी में खेलने वाले एक खिलाड़ी को मैच फीस के तौर पर एक दिन का महज 35 हजार रुपए मिलता है.


टी 20 मैचों में इसे 10,000 रूपये से बढ़ाकर 20,000 रूपये प्रत्येक मैच कर दिया जायेगा.


मैच रैफरियों को चार दिवसीय, तीन दिवसीय औरएक दिवसीय मैच के लिये 30,000 रूपये जबकि टी 20 मैचों के लिये 15,000 रूपये मिलेंगे.


स्कोरर को अब मैच के दिन 10,000 रूपये जबकि टी-20 मैचों में 5,000 रूपये मिलेंगे. वीडियो विश्लेषकों को टी 20 मैचों के लिये 7,500 रूपये जबकि अन्य मैचों के लिये 15,000 रूपये प्रतिदिन मिलेंगे.


बीसीसीआई ने छह साल के बाद घरेलू मैच रैफरियों , अंपायरों , स्कोरर और वीडियो विश्लेषकों की फीस भी दोगुनी करने का फैसला किया.


दिलचस्प बात है कि बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी वेतन बढ़ाने के फैसले से अवगत नहीं थे. अभी चेयरमैन को सालाना 80 लाख रूपये जबकि अन्य चयनकर्ताओं को 60 लाख रूपये मिले रहे हैं. बेतन बढ़ाने का फैसला इसलिये लिया गया क्योंकि बाहर किये गये चयनकर्ता गगन खोड़ा और जतिन परांजपे भी इतना ही वेतन हासिल कर रहे हैं जितना देवांग गांधी और सरनदीप सिंह.


बीसीसीआई के सीनियर अधिकारी ने कहा , ‘‘ चयनकर्ताओं की नियुक्ति आम सालाना बैठक में ही हो सकती है , जतिन और गगन सेवा नहीं देने के बावजूद नियमों के अनुसार इतनी ही सैलरी पा रहे हैं. देवांग और सरनदीप के साथ यह ठीक नहीं होगा क्योंकि वे देश से बाहर भी आते जाते रहते हैं. ’’


उम्मीद है अब मुख्य चयनकर्ता को करीब एक करोड़ रूपये मिलेंगे जबकि दो अन्य को 75 से 80 लाख रूपये के करीब मिलेंगे.


फीस बढ़ाने की सिफारिश सबा करीम ने 12 अप्रैल को सीओए के साथ बैठक के दौरान की थी. हालांकि कोषाध्यक्ष चौधरी को इन वित्तीय फैसलों से दूर रखा गया.


बीसीसीआई अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा , ‘‘ मुझे याद है कि अनिरूद्ध ने पिछले साल वित्तीय समिति की बैठक के दौरान इस बढ़ोतरी का सुझाव दिया था लेकिन मुझे नहीं लगता कि उन्हें इस बार उन्हें इस फैसले में शामिल किया गया. ’’