नई दिल्ली/पुणे: नवनियुक्त कप्तान विराट कोहली (122) और केदार जाधव (120) के बीच पांचवें विकेट के लिए हुई 200 रनों की साझेदारी के दम पर भारत ने महाराष्ट्र क्रिकेट संघ स्टेडियम में रविवार को खेले गए एकदिवसीय मैच में इंग्लैंड द्वारा दिए गए 351 रनों के विशाल लक्ष्य को हासिल कर इस मैच को तीन विकेट से जीत साल की विजयी शुरुआत की. इंग्लैंड ने बल्लेबाजी का आमंत्रण मिलने पर निर्धारित 50 ओवरों में सात विकेट के नुकसान पर 350 रन बनाए थे. भारत ने यह लक्ष्य 48.1 ओवरों में सात विकेट खोकर हासिल कर लिया.
भारत ने दूसरी बार 351 रनों के लक्ष्य को तय किया है. इससे पहले वह 2013 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ नागपुर में यह लक्ष्य हासिल कर चुका है. यह तीसरी बार है जब भारत ने 350 से ज्यादा के लक्ष्य का पीछा करते हुए मैच जीता हो.
लेकिन इस मुकाबले में विराट कोहली को कप्तानी के दौरान विकेटकीपर धोनी का बखूबी साथ मिला. धोनी के वनडे और टी20 में कप्तानी छोड़ने के फैसले के बाद पहली बार विराट पूरे समय के लिए कप्तान बने हैं और कल इंग्लैंड के खिलाफ पहले वनडे में ये पहला मौका था जब विराट भारत की कप्तानी कर रहे थे और धोनी विकेट के पीछे खड़े थे.
लेकिन मैच में एक दिलचस्प मौका ऐसा भी आया जब धोनी भूल बैठे कि वो भारतीय टीम की कप्तानी चोड़ चुके हैं और अब नए कप्तान विराट कोहली हैं. इंग्लैंड की पारी के दौरान 27वें ओवर की हार्दिक पांड्या की आखिरी गेंद इंग्लिश कप्तान इओन मोर्गन के बल्ले के पास निकलकर सीधे धोनी के हाथ में पहुंच गई. जिसके बाद टीम इंडिया के सभी खिलाड़ियों ने अपील की लेकिन अंपायर सीके नंदन ने इस अपील को खारिज करते हुए नोट-आउट करार दे दिया.
फिर धोनी ने बगैर कोहली से पूछे अंपायर से रिव्यू मांग लिया. इसके बाद विराट का रिएक्शन भी बेहद शानदार दिखा. अपने पुराने कप्तान को इतना आश्वस्त देखकर कोहली ने भी रिव्यू की मांग कर दी. उन्होंने इशारे से बाकी खिलाड़ियों को बताया कि धोनी को आउट लग रहा है तो ये विकेट है और टीम इंडिया ने डीआरएस का फैसला आने से पहले ही जश्न मनाना शुरू कर दिया.
हालांकि कप्तान धोनी इस मुकाबले में बल्ले से कोई खास कमाल नहीं दिखा सके और महज़ 6 रन बनाकर आउट हो गए.
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