नई दिल्ली/धर्मशाला: अपने होम सीज़न के विजय रथ को जारी रखते हुए टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज़ पर 2-1 से कब्ज़ा जमा लिया. धर्मशाला के एचपीसीए मैदान में खेले जा रहे 4 टेस्ट मैचों की सीरीज़ के आखिरी मुकाबले को 8 विकेट से जीतकर टीम इंडिया ने होम सीज़न की हर सीरीज़ में अविजित रहने का रिकॉर्ड कायम कर दिया है. न्यूज़ीलैंड, इंग्लैंड और बांग्लादेश से होता हुआ ये सिलसिला ऑस्ट्रेलिया पर सीरीज़ विजय के साथ खत्म हुआ. 



रविन्द्र जडेजा के ऑल-राउंड प्रदर्शन समेत पूरी टीम इंडिया के बेजोड़ खेल से भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम टेस्ट को चौथे दिन लंच से पहले ही अपने नाम कर लिया. 



ऑस्ट्रेलिया से मिले मामूली 106 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरूआत अच्छी रही और ओपनर केएल राहुल ने मुरली विजय के साथ मिलकर 46 रनों की अहम साझेदारी की. जिसके बाद चेतेश्वर पुजारा तालमेल की गड़बड़ी के कारण रन-आउट होकर वापस पवेलियन लौट गए लेकिन इसकी बाद केएल राहुल(52) और रहाणे(38) ने कोई और गलती नहीं दोहराई और टीम इंडिया को जीत की दहलीज़ पर पहुंचाकर ही दम लिया. 



केएल राहुल ने इस ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार फॉर्म जारी रखते हुए सीरीज़ में छठा अर्धशतक लगाते हुए टीम इंडिया को जीत दिलाई. वहीं कप्तान रहाणे ने तेज़ तर्रार पारी खेल अपने नेतृत्व में आखिरी टेस्ट में भारतीय टीम को जीत दिलाकर ट्रॉफी उठाने का सपना सच कर दिखाया.



धर्मशाला की रंगीन वादियों में खेले जा रहे अंतिम टेस्ट में टॉस जीतकर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ ने पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला किया. कप्तान स्टीव स्मिथ के शतक(111 रन) के साथ डेविड वॉर्नर(56) और मैथ्यू वेड(57) की अहम पारियों की बदौलत ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 300 रनों पर सिमटी. टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने आए चाइनामैन गेंदबाज़ कुलदीप यादव ने मेहमान टीम को फंसाकर रखा और 4 विकेट चटकाकर टीम इंडिया में खुद का चयन सही साबित कर दिया. 



जिसके जवाब में पहली पारी में बल्लेबाज़ी करने उतरी भारतीय टीम की शुरूआत अच्छी नहीं रही और मुरली विजय जल्दी आउट हो गए. विजय के आउट होने के बाद राहुल और पुजारा, पुजारा और रहाणे के बीच अच्छी साझेदारी हुई लेकिन टीम इंडिया लगातार अंतराल विकेट गंवाती रही. दूसरे दिन का अंत छह विकेट के नुकसान पर 248 रनों के साथ करने वाली भारतीय टीम पर एक समय आस्ट्रेलिया के स्कोर की बराबरी का संकट नजर आ रहा था. आस्ट्रेलिया की कोशिश तीसरे दिन भारत के चार विकेट जल्दी लेकर उसे बैकफुट पर धकलेने की थी, लेकिन रविवार के नाबाद बल्लेबाद रवींद्र जडेजा (67) और रिद्धिमान साहा (31) ने सातवें विकेट के लिए 96 रनों की साझेदारी कर आस्ट्रेलिया को बैकफुट पर धकेल दिया और भारत को जरूरी बढ़त दिलाई.



हालांकि बढ़त दिलाने के बाद यह साझेदारी ज्यादा टिकी नहीं और 317 के कुल स्कोर पर पैट कमिंस ने जडेजा को बोल्ड कर इसे तोड़ा. जडेजा ने 95 गेंदों का सामना किया और चार छक्के के साथ इतने की चौके लगाए.



इस साझेदारी के टूटने के बाद भारतीय टीम को ऑल आउट होने में ज्यादा समय नहीं लगा. जडेजा के जाने के एक रन बाद भुवनेश्वर कुमार बिना खाता खोले लौट लिए. इसी स्कोर पर कमिंस ने साहा को पवेलियन भेजा. कुलदीप यादव ने एक चौके की मदद से सात रन बनाए. उनके रूप में भारत ने अपना आखिरी विकेट खोया. उमेश यादव दो रन पर नाबाद लौटे.



भारतीय पारी में जडेजा के अलावा लोकेश राहुल (60) और चेतेश्वर पुजारा (57) ने अर्धशतक लगाए. कार्यवाहक कप्तान अंजिक्य रहाणे ने 46 रनों का योगदान दिया.



आस्ट्रेलिया के लिए नाथन लॉयन ने पांच विकेट लिए. लॉयन भारत में भारत के खिलाफ सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज बन गए हैं. उनके भारत में अब 64 विकेट हो गए हैं. उनके आगे श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन हैं. उनके नाम 105 विकेट दर्ज हैं. कमिंस को तीन सफलता मिलीं. जोश हाजलेवुड और स्टीव ओ कीफ को एक-एक विकेट मिला.



बल्लेबाजों के बाद आस्ट्रेलियाई टीम भारतीय गेंदबाजों ने आस्ट्रेलिया को परेशान किया. चायकाल तक उसने 92 रनों पर ही अपने पांच विकेट खो दिए थे. डेविड वार्नर (6), मैट रेनशॉ (8), स्टीवन स्मिथ (17), पीटर हैंड्सकॉम्ब (18) और शॉन मार्श (1) पवेलियन लौैट गए थे.



दूसरे छोर पर ग्लैन मैक्सवेल (45) खड़े हुए थे. आस्ट्रेलियो को उनसे बहुत उम्मीदें थीं लेकिन तीसरे सत्र में मैक्सवेल के रूप में आस्ट्रेलिया ने अपना पहला विकेट खोया. वह रविचंद्रन अश्विन की गेंद पर पगबाधा करार दे दिए गए.



इसके बाद भी आस्ट्रेलिया के विकेट गिरने का सिलसिला रूका नहीं. पूरी टीम 137 रनों पर ही ढेर हो गई. आस्ट्रेलिया ने तीसरे सत्र में 45 रन ही जोड़े. मैथ्यू वेड 25 रन पर नाबाद लौटे.



भारत की तरफ से उमेश यादव, अश्विन और जडेजा ने तीन-तीन विकेट लिए. भुवनेश्वर कुमार को एक विकेट मिला.