कटक: तीन वनडे मैचों की सीरीज के पहले मैच में इंग्लैंड के खिलाफ जीत दर्ज कर टीम इंडिया ने सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है. सीरीज का दूसरा मैच 19 जनवरी को कटक में खेला जाएगा. टीम इंडिया के लिए कटक का बाराबती स्टेडियम कई मायनों में खास रहा है. 



 



आपको बता दें कि पिछले दस सालों में इस मैदान पर खेले गए एक भी मुकाबले में टीम इंडिया को हार का सामना नहीं करना पड़ा है. इस तरह कटक के बराबती स्टेडियम को टीम इंडिया के लिए सबसे भाग्यशाली स्टेडिम में से एक माना जाता है. 



 



पिछले दस सालों में टीम इंडिया ने बाराबती स्टेडियम में जो पांच वनडे मैच खेले हैं उनमें से उसने सभी में जीत दर्ज की है. इनमें से एक मैच भारतीय टीम ने 2008 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था जिसमें उसने छह विकेट से जीत दर्ज की थी. इसके अलावा पिछले दस सालों में बाराबती एकमात्र स्टेडियम है जहां भारत ने पांच या इससे अधिक मैच खेले और उन सभी में जीत हासिल की.



 



इस स्टेडियम में भारत को आखिरी हार नवंबर 2003 में न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली थी. वर्तमान टीम के केवल एक सदस्य युवराज सिंह उस मैच में खेले थे. इसके बाद भारत ने यहां वेस्टइंडीज और श्रीलंका को दो-दो जबकि इंग्लैंड को एक मैच में हराया. इस बीच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक मैच बारिश के कारण रद्द करना पड़ा था. 



 



इसके अलावा पिछले दस सालों में भारत ने सबसे अधिक 12-12 मैच आरपीएस कोलंबो और दाम्बुला में खेले. कोलंबो में उसे नौ मैच में जीत और तीन में हार जबकि दाम्बुला में सात में जीत और पांच में हार का सामना करना पड़ा था. इस दौरान हरारे स्पोर्ट्स क्लब में भारतीय रिकॉर्ड अच्छा रहा जहां उसने 11 मैचों में से नौ में जीत दर्ज की जबकि दो में उसे हार मिली. पोर्ट ऑफ स्पेन में भी उसने आठ में से छह मैच जीते लेकिन इस बीच दो मैच भी गंवाये. 



 



बाराबती में भारत ने वैसे कुल 15 मैच खेले हैं जिनमें से 11 में उसे जीत और चार में हार मिली. इंग्लैंड ने भी यहां पांच वनडे मैच खेले हैं जिनमें से तीन मैच उसने जीते. इनमें से 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ खेला गया नेहरू कप का मैच भी शामिल है. 



 



भारत और इंग्लैंड के बीच यहां अब तक चार मैच खेले गये हैं जिसमें उनका रिकॉर्ड 2-2 से बराबरी पर है. अजिंक्य रहाणे और शिखर धवन ने यहां खेले गये पिछले मैच में शतकीय पारियां खेली थी. 



 



श्रीलंका के खिलाफ नवंबर 2014 में खेले गये इस मैच में रहाणे ने 111 और धवन ने 113 रन बनाये थे और पहले विकेट के लिये 231 रन की साझेदारी की थी. भारत ने तब पांच विकेट पर 363 रन बनाये जो इस मैदान पर सर्वोच्च स्कोर का रिकॉर्ड भी है. धवन अपनी उस पारी से प्रेरणा लेकर फॉर्म में वापसी की कोशिश करेंगे. बायें हाथ का यह सलामी बल्लेबाज पुणे में खेले गये पहले वनडे में केवल एक रन बना पाया था.