चेन्नई: भारत और इंग्लैंड के बीच 16 दिसंबर से होने वाले पांचवें और अंतिम क्रिकेट टेस्ट के लिए इस्तेमाल होने वाली पिच को सुखाने के लिए यहां क्यूरेटर को जलते हुए कोयले का सहारा लेते देखा गया.



 



सोमवार को शहर में तबाही मचाने वाले तूफान ‘वरदा’ से संपत्ति का काफी नुकसान हुआ और यह प्रतिष्ठित स्टेडियम भी इससे नहीं बच पाया. पिच और आउटफील्ड को हालांकि नुकसान नहीं पहुंचा है. लेकिन बारिश के कारण पिच पर काफी नमी है.



 



यही कारण है कि पिच को सुखाने के लिए जलते हुए कोयले की ट्रे को पिच पर रखने के बेहद पुराने फार्मूले का सहारा लिया जा रहा है. यह नमी सुखाने के लिए परखा हुआ तरीका है और जब टेस्ट मैच की शुरूआत में 48 घंटे से भी कम समय बचा है तब पिच को अधिक से अधिक सुखाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है.



 



बीसीसीआई के दक्षिण क्षेत्र के क्यूरेटर पीआर विश्वनाथन पिच की मौजूदा स्थिति संतुष्ट हैं. विश्वनाथन ने कहा, ‘‘इस मैच के लिए तैयार पिच और आउटफील्ड शानदार हालत में है. यह बराबरी के मौके देने वाला विकेट होगा लेकिन मैं यह नहीं बता सकता कि यह कैसा बर्ताव करेगा.’’ 



 



टीएनसीए के सचिव काशी विश्वनाथन सारे इंतजामों का निरीक्षण कर रहे हैं जबकि संघ चीजों को सही करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि पहली गेंद फेंके जाने से पहले सभी चीजों को ठीक कर दिया जाएगा. टीएनसीए सचिव ने साथ ही कहा कि बेहतर जल निकासी प्रणाली के कारण आउटफील्ड गीला नहीं रहेगा.



 



उन्होंने कहा, ‘‘एक अच्छी चीज स्टेडियम की जल निकासी प्रणाली है जो काफी अच्छी है. यह दुर्भाग्यशाली है कि पवेलियन के दूसरी तरफ अभ्यास पिचें तैयार नहीं की जा सकी हैं क्योंकि यह पूरी तरह से गीली थी. इसलिए कल सुबह टीमों के खिलाड़ी सिर्फ क्षेत्ररक्षण सत्र में हिस्सा ले पाएंगे. इसे लेकर हमें खेद है.’’ उन्होंने साथ ही बताया कि जिन एयर कंडीशनर और स्टेडियम के गेट को नुकसान पहुंचा था उन्हें ठीक कर लिया गया है.