चेन्नई: आलराउंडर मोईन अली के शानदार शतक और जो रूट के साथ उनकी 146 रन की भागीदारी की बदौलत इंग्लैंड ने भारत के खिलाफ पांचवें और अंतिम क्रिकेट टेस्ट के शुरूआती दिन चार विकेट पर 284 रन बनाकर मजबूत शुरूआत की है.


इंग्लैंड पहले ही पांच मैचों की सीरीज 3-0 से गंवा चुका है लेकिन पहले दिन मोईन की 120 रन की पारी उसके लिये आकषर्ण का केंद्र रही, जिसकी बदौलत वह शुरू में दो विकेट खोने के बाद उबरने में सफल रहा. मोईन स्टंप तक अपना पांचवां टेस्ट शतक और सीरीज में दूसरा सैकड़ा जड़कर क्रीज पर डटे थे, उनके साथ दूसरे छोर पर बेन स्टोक्स खेल रहे थे जो पांच रन बना चुके हैं.


रूट 88 रन की पारी खेलकर आउट हो गये, हालांकि यह बल्लेबाज भारत के डीआरएस रिव्यू मांगने के बाद टीवी अंपायर के फैसले से संतुष्ट नहीं था. मोईन ने रूट के साथ 146 रन की साझेदारी के अलावा जानी बेयरस्टो (49 रन) के साथ चौथे विकेट के लिये 86 रन की भागीदारी निभायी. बेयरस्टो महज एक रन से अर्द्धशतक से चूक गये.


पिच पर धीमा टर्न मिल रहा था, जिस पर रविंद्र जडेजा भारत के लिये दिन के श्रेष्ठ गेंदबाज रहे. उन्होंने 73 रन देकर तीन विकेट हासिल किये जबकि तेज गेंदबाज इतने प्रभावशाली नहीं दिखे क्योंकि कोई पिच पर कोई रिवर्स स्विंग मौजूद नहीं थी.


मोईन की शुरूआत इतनी अच्छी नहीं रही, यहां तक कि उन्हें तब जीवनदान मिला जब उन्होंने जडेजा की गेंद को उठा दिया लेकिन मिडविकेट पर लोकेश राहुल कैच नहीं लपक सके. कुछ मौकों पर आर अश्विन की गेंदों से भी परेशान हुए.


जैसे ही पिच थोड़ी आसान हुई, मोईन ने रूट के साथ लय में आना शुरू किया जो दूसरे छोर पर पूरे नियंत्रण में दिख रहे थे. मोईन ने प्वाइंट की ओर एक रन जुटाकर अपना शतक पूरा किया, उनकी पारी में 12 चौके शामिल थे.


रूट अच्छी लय में दिख रहे थे, उन्होंने कुछ प्रभावशाली शाट खेले. वह जडेजा की गेंद पर आउट होने से पहले मजबूत दिख रहे थे. उन्होंने 11 चौके लगाये जबकि बेयरस्टो ने 90 गेंद की पारी में तीन छक्के जड़े जिसमें अश्विन और जडेजा की गेंदों में एक एक छक्का शामिल है. रूट ने भारत के खिलाफ 11 मैच खेले हैं और वह हर मैच में एक अर्द्धशतक जड़ने में जरूर सफल रहे. उनका यह इस साल 50 रन से अधिक की 13वीं पारी है और उन्होंने पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के रिकॉर्ड की बराबरी की है.


रियल-टाइम स्निकोमीटर के हिसाब से वह बायें हाथ के स्पिनर की ऑफस्टंप से बाहर जाती गेंद को स्वीप करने के प्रयास में बल्ले का हल्का किनारा लगा बैठे जो विकेटकीपर पार्थिव पटेल के हाथों में गया. भारत ने मैदान के नाट आउट फैसले के खिलाफ रिव्यू लेने का फैसला किया और तीसरे अंपायर ने उन्हें आउट दिया.


रूट और मोईन ने 13वें ओवर के बाद से इंग्लैंड को चाय तक तीन विकेट पर 182 रन बनाने में मदद की. सुबह मेहमान टीम ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला करने के बाद अपने कप्तान एलिस्टेयर कुक (10 रन) और कीटन जेनिंग्स (01) का विकेट जल्द ही गंवा दिया.


हालांकि रूट और मोईन के बीच में भागीदारी ने उसे उबरने में मदद की जिन्होंने साथ मिलकर खेल के दूसरे सत्र में 114 रन जोड़े. इन दोनों की भागीदारी की बदौलत दूसरा सत्र इंग्लैंड के नाम रहा, हालांकि उन्होंने महत्वपूर्ण मोड़ पर रूट का विकेट खो दिया.


रूट जडेजा की गेंद को स्वीप को खेलने की कोशिश में बल्ला गेंद से स्पर्श कर बैठे, हालांकि यह किनारे से इतनी कम लगी कि बल्लेबाज को इसका अहसास ही नहीं हुआ होगा. इंग्लैंड के लिये पहला सत्र थोड़ा तनावपूर्ण रहा जिसमें उसने 68 रन पर दो विकेट गंवा दिये थे.


मेजबान टीम के हाथों पिछले तीन मैचों में करारी शिकस्त के बाद प्रतिष्ठा बचाने के इरादे से उतरी इंग्लैंड ने लंच से पहले जेनिंग्स और कुक के विकेट सिर्फ 21 रन पर गंवा दिए.


मैदानकर्मियों की कड़ी मेहनत के बाद तैयार हुए एमए चिदंबरम स्टेडियम पर वापसी कर रहे तेज गेंदबाज इशांत शर्मा और जडेजा ने भारत को शुरूआती सफलता दिलाई. मैदानकर्मियों ने पिच को सुखाने के लिए जलते हुए कोयलों तक का इस्तेमाल किया.


मुंबई में पिछले हफ्ते डेब्यू मैच की पहली पारी में शतक और दूसरी पारी में शून्य रन बनाने वाले जेनिंग्स आउट होने वाले पहले बल्लेबाज रहे जब उन्होंने इशांत की ऑफ साइड से बाहर की ओर मूव होती गेंद पर विकेटकीपर पार्थिव पटेल को कैच थमाया.


मेहमान टीम का स्कोर इसके बाद एक विकेट पर सात रन से दो विकेट पर 21 रन हो गया जब जडेजा की गेंद कुक के बल्ले का किनारा लेकर पहली स्लिप में खड़े भारतीय कप्तान विराट कोहली के हाथों में पहुंच गई.


इससे पहले कुक मैच की पहली ही गेंद पर दो रन के साथ टेस्ट क्रिकेट में 11000 रन पूरे करने में सफल रहे. रूट और मोईन फिर जिम्मेदारी से खेले. भारत की नजरें इंग्लैंड के खिलाफ सबसे बड़ी टेस्ट सीरीज जीत पर टिकी हैं और वह अपने अजेय अभियान को रिकॉर्ड 18 मैचों तक खींचना चाहेगा.