INDvsENG: चेन्नई में 'स्पिन तिकड़ी' के सामने होगी इंग्लैंड की असल परीक्षा
भारतीय टीम कल से इंग्लैंड के खिलाफ यहां शुरू होने वाले पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच में फतह हासिल कर अपनी सबसे बड़ी रिकार्ड जीत दर्ज करने की कोशिश करेगी.
नई दिल्ली/चेन्नई: भारतीय टीम कल से इंग्लैंड के खिलाफ यहां शुरू होने वाले पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच में फतह हासिल कर अपनी सबसे बड़ी रिकार्ड जीत दर्ज करने की कोशिश करेगी. यह मैच भारतीयों को अपनी जीतने की लय के रिकार्ड को 18 मैच तक बढ़ाने का मौका भी देगा। इंग्लैंड के साथ चल रही 5 टेस्ट मैचों की सीरीज़ में भारतीय टीम 3-0 से सीरीज़ को जीत चुकी है. लेकिन चेन्नई के मैदान का एक ऐसा आंकड़ा निकलकर सामने आया है जिसमें टीम इंडिया एक बार फिर से इंग्लैंड पर इक्कीस नज़र आ रही है.
जी हां चेन्नई के एमए चिंदबरम क्रिकेट स्टेडियम में भारतीय टीम ने आखिरी मुकाबला साल 2013 में ऑस्ट्रे्लिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान खेला था और इस मुकाबले में टीम इंडिया का प्रदर्शन इंग्लैंड की चिंताओं को और अधिक बढ़ा सकता है क्योंकि भारतीय टीम ने ये मैच 8 विकेट से अपने नाम किया था.
चेपॉक के मैदान पर खेले गए उस आखिरी मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 380 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था और भारतीय टीम ने उसके जवाब में कप्तान धोनी के दोहरे शतक और विराट कोहली के शतक की मदद से 572 रन बना डाले थे. जिसके बाद दूसरी पारी में भारतीय स्पिन तिकड़ी ने ऑस्ट्रेलियाई टीम 241 रनों पर ऑल-आउट कर आसानी से 50 रनों के लक्ष्य को हासिल कर लिया.
उस मुकाबले में टीम इंडिया की जीत के सबसे बड़े हीरो रहे थे भारतीय स्पिनर्स. भारतीय स्पिनरों ने पूरे 20 विकेट अपने नाम किए थे. इस मुकाबले में अश्विन ने 12 विकेट अपने नाम किए थे. जबकि जडेजा ने उस मुकाबले में 5 विकेट चटकाए थे. उस मैच में टीम इंडिया का हिस्सा रहे हरभजन सिंह ने भी 3 विकेट अपने नाम किए थे. जिसकी मदद से भारतीय टीम ने ये मैच अपने नाम कर लिया था.
एक बार फिर आर अश्विन शानदार फॉर्म में है जबकि उनका साथ देने के लिए रविन्द्र जडेजा भी मौजूद हैं. हरभजन नहीं हैं लेकिन जयंत यादव बखूबी इन दोनों दिग्गजों का साथ निभा रहे हैं. ऐसे में इंग्लैंड के लिए चेन्नई के मैदान पर एक बार फिर भारतीय स्पिन तिकड़ी मुसीबत साबित हो सकती हैं.
चेन्नई के एमए चिंदबरम स्टेडियम पर भारतीय टीम ने कुल 31 मैच खेले हैं जिसमें उसे 13 मुकाबलों में जीत हासिल हुई है जबकि 6 मुकाबलों में उसे हार का सामना करना पड़ा है. इस मैदान पर कुल 12 मैच ड्रॉ हुए हैं.
ये मैदान भारतीय टीम के लिए पिछले 17 सालों से लकी भी रहा है क्योंकि पिछले 17 सालों में कोई भी टीम यहां भारतीय टीम को हरा नहीं पाई है. जबकि इंग्लैंड ने 31 साल पहले 1985 में इस मैदान पर भारतीय टीम को आखिरी बार धूल चटाई थी.