पोर्ट आफ स्पेन: वेस्टइंडीज और टीम इंडिया के बीच खेले गए पांच वनडे मैचों की सीरीज के पहला मैच बारिश की भेंट चढ़ गया. दोनों टीमों के बीच दूसरा मुकाबला रवीवार को खेला जाएगा. वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे मुकाबले में भिड़ने से पहले टीम इंडिया की निगाहें युवराज सिंह की फॉर्म और मौसम पर भी टिकी रहेंगी.


पहला वनडे बारिश की भेंट चढ़ गया था. भारत ने 39.2 ओवर में जब तीन विकेट 199 रन बनाये थे तभी बारिश आ गयी और इसके बाद आगे खेल नहीं हो पाया. शिखर धवन की 87 रन की पारी और वापसी करने वाले अंजिक्य रहाणे के 62 रन भारतीय पारी के आकर्षण रहे.


मौसम पर किसी का वश नहीं है लेकिन विराट कोहली अगर किसी खिलाड़ी की फॉर्म से चिंतित होंगे तो वह युवराज हैं जो पिछले कुछ मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाये हैं. चैंपियन्स ट्रॉफी में पाकिस्तान के खिलाफ अर्धशतक जड़ने के बाद उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ सात, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नाबाद 23, पाकिस्तान के खिलाफ चैंपियन्स ट्रॉफी फाइनल में 22 और वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले वनडे में चार रन बनाये.


युवराज के कौशल और अनुभव पर किसी को संदेह नहीं लेकिन वह 35 साल से अधिक उम्र के हो गये हैं और निश्चित तौर पर उम्र अब उन पर हावी हो रही है. उनका क्षेत्ररक्षण अच्छा नहीं है और कप्तान कोहली उन्हें बायें हाथ के स्पिनर के तौर पर उपयोग करने की जरूरत नहीं समझते हैं.


पूर्व भारतीय कप्तान और अंडर-19 टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने हाल में कहा था कि टीम प्रबंधन की स्पष्ट नीति होनी चाहिए कि युवराज 2019 विश्व कप में खेलेगा या नहीं. अब जबकि इसमें केवल दो साल बचे हैं तब कोहली को युवराज के बारे में जल्द ही कुछ फैसला करना होगा.


बायें हाथ का एक अन्य विस्फोटक बल्लेबाज ऋषभ पंत मौके का इंतजार कर रहा है और ऐसे में युवराज अपनी जगह को सुरक्षित नहीं मान सकते हैं. यह भी नहीं भूलना चाहिए कि चोटिल मनीष पांडे फिट होकर 50 ओवरों में प्रारूप में फिर से खुद को साबित करने में कसर नहीं छोड़ेंगे. पहला मैच बारिश की भेंट चढ़ गया था और लगता नहीं कि भारत अपनी प्लेइंग इलेवन में कोई बदलाव करेगा. यह मैच भी उसी स्थल पर खेला जाएगा.


रहाणे का अर्धशतक से आत्मविश्वास बढ़ा होगा. उन्हें पता है कि अगले वनडे सीरीज के दौरान रोहित शर्मा की वापसी के बाद उन्हें अपनी जगह छोड़नी होगी. रहाणे और धवन ने पहले विकेट के लिये 132 रन जोड़े. धवन को भी केएल राहुल के चोटिल होने के कारण वापसी का मौका मिला और उन्होंने इसका पूरा फायदा उठाया.


धवन ने चैंपियन्स ट्रॉफी में सर्वाधिक रन बनाये और गोल्डन बैट हासिल किया. उन्होंने वेस्टइंडीज में भी अपनी फॉर्म बरकरार रखी है जो कि उनके और टीम के लिये अच्छा है.


भारत पूरा मैच खेलना चाहेगा क्योंकि इससे वह चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव की छोटे प्रारूप में क्षमताओं का भी आकलन कर सकता है. कुलदीप को पहले मैच में रविंद्र जडेजा की जगह डेब्यू करने का मौका मिला था. जडेजा चैंपियन्स ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाये थे लेकिन वह अब भी देश के बायें हाथ के नंबर एक गेंदबाज हैं. वेस्टइंडीज की सीरीज हालांकि युवा खिलाड़ियों को आजमाने का सबसे अच्छा मंच है.